भागलपुर, 1 जुलाई – राजद विधायक रीतलाल यादव की तबीयत सोमवार देर शाम भागलपुर केंद्रीय कारा में अचानक बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें भागलपुर मायागंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। रात करीब 9:30 बजे जेल प्रशासन द्वारा उन्हें इलाज के लिए भेजा गया। फिलहाल, डॉक्टरों की निगरानी में उनका उपचार चल रहा है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्या हुई है।
घटना के बाद विधायक की पत्नी रिंकू देवी ने एक वीडियो जारी कर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पति को जेल में मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है तथा उन्हें हत्या की साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरा परिवार भय के माहौल में जी रहा है।
सूत्रों के अनुसार, रीतलाल यादव को जेल के हाई-सिक्योरिटी जोन के तृतीय खंड में रखा गया था। परिजनों का कहना है कि जेल में लगातार प्रताड़ना के खिलाफ उन्होंने अनशन शुरू कर दिया था, जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
अस्पताल पहुंचने के बाद का एक दृश्य मीडिया कैमरों में कैद हो गया, जिसमें विधायक को स्ट्रेचर पर ले जाते समय उन्होंने एक सुरक्षा कर्मी से तंबाकू मांगा, और सुरक्षाकर्मी ने उन्हें तंबाकू देने का प्रयास किया। इस घटना को कैप्चर कर रहे मीडियाकर्मियों को देखकर सुरक्षा कर्मी आक्रोशित हो उठे। पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आईं। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि कुछ सुरक्षाकर्मी नशे में थे।
रीतलाल यादव का आपराधिक मामला
गौरतलब है कि रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल 2025 को दानापुर कोर्ट में सरेंडर किया था। उन पर खगौल थाना क्षेत्र में एक बिल्डर से 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप है। इस मामले में पटना पुलिस ने उनके 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख के ब्लैंक चेक, चार पेन ड्राइव और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे।
सरेंडर के बाद उन्हें बेऊर जेल भेजा गया था, जहां से सुरक्षा कारणों से उन्हें भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया गया। उन्हें जेल के टी-सेल में रखा गया था, जहां पूर्व में कई बड़े और विवादास्पद आरोपियों को रखा गया है।
प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल
ताजा घटनाक्रम के बाद जेल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। मीडियाकर्मियों के साथ हुए व्यवहार को लेकर भी जवाबदेही तय करने की मांग उठ रही है। वहीं विधायक की स्वास्थ्य स्थिति पर मेडिकल टीम की निगरानी जारी है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
