बीमार होने के बावजूद पहली बार चुनाव प्रचार करेंगे राजद सुप्रीमो, मीसा भारती भी रहेंगी साथ
बिहार विधानसभा चुनाव में दानापुर सीट पर सियासी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के जेल जाने के बाद जहां जेडीयू नेता ललन सिंह ने उनके प्रचार की कमान संभाली है, वहीं अब दानापुर से राजद प्रत्याशी रीतलाल यादव के लिए खुद लालू प्रसाद यादव मैदान में उतरने जा रहे हैं।
रीतलाल यादव इस वक्त भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद हैं, और उनकी जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है।
🔹 रीतलाल की जीत की दावेदारी पर संकट
चुनाव से पहले तक रीतलाल यादव को दानापुर से मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन हालात अब उनके खिलाफ जाते दिख रहे हैं।
भाजपा ने इस सीट से रामकृपाल यादव को मैदान में उतारा है, जिससे मुकाबला कड़ा हो गया है।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं दी, जिससे रीतलाल का प्रचार ठप पड़ गया।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पटना में रोड शो के दौरान रामकृपाल यादव को खुला समर्थन दिया, जिससे एनडीए को क्षेत्र में बढ़त मिलती नजर आ रही है।
🔹 लालू यादव करेंगे रोड शो
राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब खुद अपने उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने उतर रहे हैं।
यह लालू यादव का इस चुनाव में पहला रोड शो होगा।
सूत्रों के अनुसार, आज शाम 4 बजे के करीब लालू यादव दीघा थाना क्षेत्र के रामजीचक बाटा से रोड शो की शुरुआत करेंगे, जो खगौल तक जाएगा।
यह रोड शो करीब 15 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें राजद सांसद डॉ. मीसा भारती भी मौजूद रहेंगी।
बीमार होने के बावजूद लालू यादव का यह कदम राजद के लिए एक भावनात्मक और रणनीतिक दांव माना जा रहा है, जो पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेगा।
🔹 सात महीने से जेल में बंद हैं रीतलाल यादव
17 अप्रैल 2025 को रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। उन्हें 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
यह मामला खगौल थाना क्षेत्र में दर्ज FIR से जुड़ा हुआ है।
करीब दो महीने पहले सुरक्षा कारणों से रीतलाल को पटना के बेऊर जेल से भागलपुर केंद्रीय कारा में शिफ्ट किया गया था।
वह इस समय हाई सिक्योरिटी वाले T-सेल (तृतीय खंड) में रखे गए हैं।
🔹 राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लालू यादव का रोड शो रीतलाल यादव के पक्ष में भावनात्मक लहर पैदा कर सकता है, लेकिन भाजपा के मजबूत प्रत्याशी और एनडीए की संयुक्त ताकत के चलते यह मुकाबला अब समीकरणों का खेल बन गया है।
दानापुर सीट अब केवल दो उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि लालू बनाम मोदी की प्रतिष्ठा की लड़ाई में बदल गई है।
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