
पटना। बिहार में गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि ने बाढ़ की आशंका को और गहरा कर दिया है। बक्सर से कहलगांव तक गंगा का जलस्तर पिछले वर्ष की तुलना में औसतन 5 मीटर अधिक दर्ज किया गया है। राज्य सरकार ने स्थिति को गंभीर मानते हुए सभी संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है।
दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा
राजधानी पटना के दीघा घाट पर बीते 24 घंटों में गंगा नदी का जलस्तर 52 सेमी बढ़कर 46.13 मीटर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2 मीटर अधिक है। गांधी घाट और हाथीदह जैसे स्थानों पर भी गंगा उफान पर है।
स्थान | 2025 जलस्तर (मीटर) | 2024 जलस्तर (मीटर) |
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बक्सर | 53.40 | 48.60 |
पटना (दीघा) | 46.13 | 44.11 |
गांधीघाट | 45.11 | 44.04 |
हाथीदह | 37.57 | 35.75 |
गंगा के साथ-साथ अन्य नदियां भी उफान पर
नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य की अन्य नदियों जैसे कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और घाघरा में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
- गंडक नदी गोपालगंज में चेतावनी स्तर को पार कर चुकी है।
- कोसी नदी सुपौल में खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है।
- बागमती और बूढ़ी गंडक पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
निचले इलाकों में पानी भरना शुरू
पटना, दीघा, गांधीघाट, मुंगेर, भागलपुर, कहलगांव जैसे तटीय क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ने से दियारा और निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। कई स्थानों पर खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को नुकसान की आशंका है।
प्रशासन सतर्क, राहत की तैयारियाँ तेज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर:
- संवेदनशील तटबंधों पर निगरानी,
- राहत शिविरों की स्थापना,
- नावों की तैनाती,
- निचले इलाकों में अलर्ट जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन 24×7 निगरानी कर रहा है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की अनियमितता और नेपाल में भारी वर्षा के चलते गंगा और अन्य नदियों के जलस्तर में अगले कुछ दिनों तक और वृद्धि संभव है। ऐसे में लोगों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सख्त सलाह दी गई है।
बिहार के कई जिलों में गंगा और अन्य नदियों का बढ़ता जलस्तर बाढ़ का खतरा पैदा कर रहा है। प्रशासन सतर्क है, पर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।