
पटना, 18 जून 2025 – बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में बुधवार को उनके कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य फोकस राजस्व सेवा के अधिकारियों और अंचलाधिकारियों पर लंबित आरोप, परिवाद और विभागीय वादों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा रहा।
बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव जय सिंह, सचिव गोपाल मीणा, चकबंदी निदेशक राकेश कुमार, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पांडेय, विशेष कार्य पदाधिकारी मणिभूषण किशोर समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
544 मामलों का हो चुका है निष्पादन
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 544 विभागीय मामलों का निष्पादन किया जा चुका है, जिसमें शामिल हैं:
- 248 अधिकारियों को लघु दंड
- 92 को वृहद दंड
- 89 की पेंशन कटौती
- 135 अधिकारियों को चेतावनी
विशेष बात यह रही कि वर्ष 2024-25 में 234 मामलों का निष्पादन किया गया, जिससे विभाग की सक्रियता का संकेत मिलता है।
मंत्री ने अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी
मंत्री संजय सरावगी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि:
“लंबित मामलों में ढिलाई किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी। दोषियों को सजा और निर्दोष को न्याय मिलना चाहिए।”
उन्होंने प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
मुख्यालय में प्राप्त आवेदनों के निष्पादन को लेकर निर्देश
मंत्री ने यह भी कहा कि जो आवेदन मुख्यालय में प्राप्त होते हैं, उनके त्वरित और पारदर्शी निष्पादन के लिए एक विशेष प्रणाली विकसित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अद्यतन स्थिति की नियमित जानकारी भी संबंधित अधिकारियों को होनी चाहिए।
समीक्षा का उद्देश्य: पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन
बैठक का उद्देश्य न केवल पुराने लंबित विभागीय मामलों को निपटाना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि भविष्य में ऐसे मामले अनावश्यक रूप से लंबित न रहें। मंत्री ने संकेत दिए कि गंभीर आरोपों वाले अधिकारियों पर सख्त और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिस तरह से कार्रवाई में तेजी और पारदर्शिता दिखाई है, वह राज्य प्रशासन में सुधार और जवाबदेही की दिशा में एक मजबूत संकेत है। मंत्री सरावगी की यह पहल सुशासन को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।