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पटना, 5 जून 2025।बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र में नवाचार और कृषि विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “गेंदा फूल विकास योजना” की शुरुआत की है। इस योजना के तहत राज्य में गेंदा फूल की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया प्रोत्साहन मिलेगा।

यह जानकारी उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के अंतर्गत 632.50 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे सभी जिलों में इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा।

धार्मिक, सांस्कृतिक और उत्सवों में गेंदा फूल की मांग

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि गेंदा फूल का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, सांस्कृतिक आयोजनों और विवाह जैसे अवसरों में सजावट के लिए बड़े पैमाने पर होता है। इसके चलते फूल की निरंतर बाजार मांग बनी रहती है। सरकार का उद्देश्य किसानों को व्यावसायिक फूल उत्पादन और इससे जुड़े प्रसंस्करण व विपणन के लिए प्रोत्साहित करना है।

योजना के तहत अनुदान और लागत

योजना के तहत प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 80,000 रुपये निर्धारित की गई है। इसमें किसानों को 50 प्रतिशत यानी 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा। पौधों की आपूर्ति भी किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री सुलभ हो सके।

अनुदान भुगतान की प्रक्रिया

अनुदान का भुगतान सफल पुष्पण के बाद प्रखंड उद्यान पदाधिकारी की अनुशंसा और सत्यापन के आधार पर एकमुश्त किया जाएगा। भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित जिले के सहायक निदेशक (उद्यान) की होगी।

आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

श्री सिन्हा ने कहा कि यह योजना बिहार सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और फूलों की खेती को संगठित व लाभकारी व्यवसाय में बदलने का अवसर प्रदान करेगी। इसके साथ ही राज्य पुष्प उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा और ग्रामीण स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।