भागलपुर | 7 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही भागलपुर जिला पूरी तरह से आचार संहिता के दायरे में आ गया है। जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अब जिले में किसी भी तरह की राजनीतिक सभा, जुलूस या प्रदर्शन बिना अनुमति के नहीं हो सकेगा।
जिला दंडाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि आगामी 60 दिनों तक या चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक यह निषेधाज्ञा प्रभावी रहेगी।
13 अक्टूबर से शुरू होगा नामांकन
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भागलपुर जिले की सातों विधानसभा सीटों – बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती (सुरक्षित), कहलगांव, भागलपुर, सुल्तानगंज और नाथनगर – पर मतदान दूसरे चरण में होगा।
नामांकन की प्रक्रिया 13 अक्टूबर से शुरू होगी। चुनावी माहौल को देखते हुए प्रशासन ने जिले में शांति और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।
बिना अनुमति सभा-जुलूस वर्जित
डीएम द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक दल या संगठन बिना सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन नहीं करेगा।
ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा।
साथ ही, धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा और सोशल मीडिया पर भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
हथियार लेकर घूमने पर भी रोक
निषेधाज्ञा में स्पष्ट कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, लाठी, भाला, गड़ासा या किसी भी प्रकार के घातक हथियार का प्रदर्शन नहीं करेगा।
यह आदेश केवल शस्त्र जमा कराने या पुलिस और प्रशासनिक ड्यूटी पर तैनात कर्मियों पर लागू नहीं होगा।
वाहनों पर सख्ती, प्रचार सिर्फ अनुमति से
राजनीतिक दलों के वाहन प्रचार के लिए तभी इस्तेमाल किए जा सकेंगे, जब भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय प्रक्रिया के तहत अनुमति प्राप्त हो।
काफिले में चलने वाले वाहनों की संख्या और प्रचार सामग्री के नियमों का भी सख्ती से पालन करना होगा।
कुछ मामलों में मिलेगी छूट
यह आदेश शादी, बारात, शव यात्रा, हाट-बाजार, अस्पताल या विद्यालय जाने वाले लोगों पर लागू नहीं होगा। लेकिन चुनावी प्रचार या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किसी तरह की गतिविधि करने पर प्रशासन तत्काल कार्रवाई करेगा।
डीएम ने दी चेतावनी
डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा —
“भागलपुर में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव प्रशासन की प्राथमिकता है। किसी भी तरह की अराजकता, आचार संहिता उल्लंघन या साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
भागलपुर में अब किसी भी राजनीतिक गतिविधि के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि चुनावी माहौल में अनुशासन, शांति और निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।


