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भागलपुर | 28 जून 2025: भागलपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में नक्सलियों की पेशी के दौरान पुलिस की लापरवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नक्सलियों को पुलिस द्वारा खुलेआम नाश्ता करवाते देखा जा सकता है। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि नक्सलियों के हाथों में हथकड़ी तो थी, लेकिन उसकी बागडोर ढीली दिख रही थी। सुरक्षा मानकों के विपरीत, नक्सलियों को न्यायालय परिसर में सामान्य रूप से नाश्ता कराया गया, जो कानूनन गलत माना जाता है।

झाझा से हुई थी गिरफ्तारी

जानकारी के अनुसार, जमुई जिले के झाझा थाना क्षेत्र से कुख्यात नक्सली अरविंद यादव के दो सहयोगी – विजय यादव और श्रीराम यादव को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ भागलपुर जिले के सुलतानगंज थाना क्षेत्र में दर्ज एक मामले में न्यायिक पेशी के लिए उन्हें भागलपुर कोर्ट लाया गया था।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी

विशेषज्ञों का कहना है कि हिरासत में किसी भी आरोपी को कोर्ट परिसर में बाहरी भोजन देना न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि सुरक्षा के लिहाज़ से भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे भोजन में नशीले या जहरीले पदार्थ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

जांच की मांग

घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। न्यायिक परिसर में इतनी बड़ी चूक के बाद मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

फिलहाल, दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई हुई है या नहीं, इस पर पुलिस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।