
पटना, 21 जून।झारखंड में बीते चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने बिहार के कई इलाकों की नींद उड़ा दी है। इससे निकलने वाली नदियों में जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया है, जिसके चलते जहानाबाद और नालंदा जिलों में छह से अधिक स्थानों पर तटबंध और बांध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को इस मामले पर आपात प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि मरम्मती कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है और लापरवाही बरतने वाले सात अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निरंजना, मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी और पंचाने में भारी जलस्राव
मंत्री चौधरी ने बताया कि बीते 19 जून की रात को उदेरास्थान बराज से 73,067 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो पिछले वर्ष के अधिकतम जलस्राव से भी 4439 क्यूसेक अधिक है। इसका सीधा असर नीचे प्रवाहित होने वाले क्षेत्रों पर पड़ा है।
बांधुगंज काजवे गेज स्टेशन पर 62.15 मीटर का नया उच्चतम जलस्तर दर्ज किया गया, जो पूर्व रिकॉर्ड से 0.15 मीटर अधिक है।
केशोपुर गांव में जमींदारी बांध टूटा, अन्य क्षेत्रों में भी नुकसान
बढ़ते जलस्राव के कारण 19 जून की रात नालंदा के एकंगरसराय प्रखंड स्थित केशोपुर गांव में लोकाईन नदी के किनारे बना जमींदारी बांध टूट गया। इसके अलावा भूतही, धोवा और महात्माइन नदियों पर बने तटबंध भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन सभी स्थानों पर तुरंत राहत और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है।
लापरवाही पर सख्त कार्रवाई: सात अभियंता सस्पेंड
मंत्री विजय चौधरी ने स्पष्ट कहा कि लोकाईन और भूतही नदी के तटबंधों की निगरानी में भारी लापरवाही बरती गई थी।
एकंगरसराय के कार्यपालक अभियंता और कनीय अभियंताओं को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही विभाग के अन्य वरीय अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी है, और आगे सख्त कार्रवाई होगी।
प्रशासन सतर्क, निगरानी बढ़ाई गई
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल और अभियंता प्रमुख शरद कुमार ने कहा कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अभियंताओं और संवेदकों की तैनाती कर दी गई है। तटबंधों की 24×7 निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।