
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने जारी की अधिसूचना
पटना, 20 जून 2025:“हर घर नल का जल” योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और जलापूर्ति सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) ने हर माह वार्ड स्तर पर ‘जल चौपाल’ आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।
विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि अब से प्रत्येक महीने के पहले गुरुवार को राज्य के सभी वार्डों में जल चौपाल का आयोजन किया जाएगा। इसमें पंप ऑपरेटर, अनुरक्षक, वार्ड सदस्य एवं स्थानीय समुदाय के लोग भाग लेंगे। इसका उद्देश्य पेयजल की स्थिति की नियमित समीक्षा, समस्याओं का त्वरित समाधान और लाभुकों को जानकारी देना है।
चौपाल के मुख्य बिंदु होंगे:
- वार्डवार सर्वेक्षण:
हर वार्ड में कुल परिवारों की संख्या, जल कनेक्शन प्राप्त करने वालों की संख्या एवं वंचित परिवारों की अद्यतन सूची तैयार की जाएगी। - पेयजल मानकों की जानकारी:
उपभोक्ताओं को बताया जाएगा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 70 लीटर पानी मिलना निर्धारित है। - जल का संरक्षण और सतर्क उपयोग:
लोगों को जागरूक किया जाएगा कि पीने का पानी केवल घरेलू उपयोग के लिए है। इसे वाहन धोने, पशु स्नान या खेतों की सिंचाई में इस्तेमाल करना नियम विरुद्ध है। - टुल्लू पंप पर सख्ती:
अवैध रूप से टुल्लू पंप या उच्च दबाव वाले पंप का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है, जिससे जल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है और पाइपलाइन को नुकसान पहुंचता है।
जन सहभागिता बढ़ेगी
चौपाल के माध्यम से लोगों को जल भंडारण की स्वच्छता, बर्तनों की साफ-सफाई और जल निकासी के सुरक्षित तरीकों की भी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं और युवाओं की भागीदारी से एक स्थानीय निगरानी समिति गठित की जाएगी, जो जल दुरुपयोग की निगरानी करेगी और जरूरत पड़ने पर घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी।
‘चौपाल’ संवाद का प्रभावशाली माध्यम
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जल चौपाल केवल औपचारिक बैठक नहीं बल्कि एक जन संवाद और सहभागिता का प्रभावशाली मंच है, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और जल प्रबंधन में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सभी अभियंताओं और जिम्मेदार पदाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे इस कार्यक्रम को गंभीरता, नियमितता और प्रभावशीलता के साथ लागू करें।