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पटना।दक्षिण बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब गंगा नदी के अधिशेष जल का उपयोग खेतों की सिंचाई के लिए भी किया जाएगा। यह जानकारी जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने दी।

वे सिंचाई भवन स्थित सभागार में आयोजित पेयजल संकट वाले क्षेत्रों के लिए “गंगा जल आपूर्ति योजना” विषयक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जल-जीवन-हरियाली मिशन से जुड़े 15 विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और अभियंता भी मौजूद थे।

सिंचाई क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम

प्रधान सचिव मल्ल ने कहा कि अब तक गंगा जल से नालंदा, गया और नवादा जिलों में पेयजल आपूर्ति की जा रही थी। अब इसी जल का उपयोग खेतों की सिंचाई के लिए भी किया जाएगा। मानसून के समय गंगा नदी में आने वाले अधिशेष जल को पाइपलाइन के माध्यम से बांका जिले के बेलहर स्थित बदुआ जलाशय तक पहुंचाने की योजना तैयार की जा रही है।

बदुआ जलाशय वर्षों से मानसून में भी पूरी तरह नहीं भर पाता था, जिससे उसकी सिंचाई क्षमता 75-80 प्रतिशत तक घट चुकी थी। इस योजना के पूरा होने से न सिर्फ बदुआ जलाशय भरेगा, बल्कि आसपास के किसानों को भी सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा।

सोन और दुर्गावती जलाशयों से पेयजल योजना

प्रधान सचिव ने बताया कि औरंगाबाद, डेहरी और सासाराम में सोन नदी के सतही जल का उपयोग करते हुए पेयजल योजनाएं शुरू की जाएंगी। वहीं, दुर्गावती जलाशय से भभुआ और मोहनिया शहरों में भी जल्द जल आपूर्ति शुरू की जाएगी।

अन्य जलाशयों का संरक्षण और गंगा जल से भराव

जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत मोरवे, जालकोट, बासकोट और गरही जैसे जलाशयों को भी गंगा जल से भरने की दिशा में कार्य चल रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि मानसून में गंगा का अधिशेष जल बर्बाद न होकर कृषि और जलापूर्ति के लिए उपयोग में लाया जाए।

जल संरक्षण की दिशा में समर्पित प्रयास

अभियंता प्रमुख (सिंचाई एवं सृजन) अवधेश कुमार ने कहा कि जल और हरियाली के बिना खुशहाली की कल्पना नहीं की जा सकती। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सतत और वैज्ञानिक प्रयास बेहद जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत राज्यभर के तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर, जल संचयन और भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर अपर सचिव सह उप मिशन निदेशक राम कुमार पोद्दार, सलाहकार रविंद्र कुमार शंकर, वाल्मी शासी पर्षद के परामर्शी अध्यक्ष ईश्वर चंद्र ठाकुर, मुख्य अभियंता ब्रजेश मोहन, वाल्मी निदेशक सीमा कुमारी, और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की उप-निदेशक नीना झा सहित कई विभागों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।


 

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