अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर का निर्माण किस तरीके से हो रहा है, रामलला कहां विराजमान करेंगे या रामलला की मूर्ति कैसी होगी। इन सभी चीजों पर चर्चा हो रही है। सवाल यह भी है कि मंदिर कितना मजबूत रहेगा और यह कितने सालों तक टिकेगा? मंदिर के आर्किटेक्ट का नाम है चंद्रकांत सोमपुरा। चंद्रकांत ने जी न्यूज से बातचीत में बताया कि मंदिर में किन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण ऐसी सामग्री से किया जा रहा है, जो अत्यधिक मजबूत और टिकाऊ है।
राम मंदिर में स्टील का नहीं हो रहा इस्तेमाल
उन्होंने जी न्यूज से बात करते हुए कहा कि राम मंदिर को बनाने के लिए बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन और बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मंदिर हजारों सालों तक टिके रहने वाला है। उन्होंने बताया कि बंसी पहाड़पुर का पत्थर जितना पुराना होता जाएगा वो उतना ही मजबूत होता जाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनाने में स्टील के एक भी कण का इस्तेमाल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि स्टील का जीवनकाल कम होता है। स्टील में जंग लगने की संभावना होती है। इस कारण 80-100 सालों में उसको रिपेयर करना पड़ता है। राम मंदिर में बंसी पहाड़पुर के पत्थरों और बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मंदिर हजारों सालों तक मजबूती से खड़ा रहे।
हजारों साल तक टिका रहेगा राम मंदिर
आर्किटेक्ट ने बातचीत में बताया कि अयोध्या का राम मंदिर सनातन धर्म का केंद्र बने, इसे उसी आधार पर डिजाइन किया गया है। साथ ही मंदिर के निर्माण के साथ ही पर्यावरण का भी खास ध्यान रखा गया है। मंदिर के चारों तरफ हरियाली रहेगी। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दौरान देशभर की कई बड़ी हस्तियां अयोध्या पधारेंगी। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया जा चुका है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाए तो उस दौरान अपने-अपने घरों में देश के 140 करोड़ देशवासी श्रीराम के नाम की ज्योति जलाएं।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.