100 बेड की नई सुविधा, 750 लाख की लागत से हुआ निर्माण
पटना – बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत करते हुए नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड0 हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में 100 बेड के नए मेडिसिन वार्ड का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने संयुक्त रूप से किया। यह वार्ड 750 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने सैनिकों को किया नमन, स्वास्थ्य विकास को बताया सरकार की प्राथमिकता
अपने संबोधन में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सीमा पर तैनात सैनिकों को नमन किया और हाल ही में शहीद हुए बिहार के चार वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि एनएमसीएच का नया वार्ड अब बरसात में जलजमाव से अछूता रहेगा और मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
अब मेडिसिन विभाग में कुल 228 बेड उपलब्ध हैं, जो पहले 128 थे। भविष्य में 400 और बेड जोड़ने की योजना है। पूरे अस्पताल में अब 1189 बेड हो चुके हैं, जबकि पहले यह संख्या मात्र 650 थी।
दवा, सफाई और इलाज के स्तर में सुधार
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि:
- हर बेड पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है।
- 496 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं।
- दवा आपूर्ति में बिहार 8 महीनों से देश में नंबर 1 है।
- भोजन व सफाई की जिम्मेदारी ‘जीविका दीदियों’ को सौंपने से सेवा गुणवत्ता में बड़ा सुधार आया है।
यक्ष्मा प्रशिक्षण केंद्र और टीबी कॉलेज पर भी काम तेज
- 28.34 करोड़ की लागत से बन रहा टीवीडीसी (यक्ष्मा प्रशिक्षण व प्रदर्शन केंद्र) अगस्त 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
- 204.44 करोड़ की लागत से कदमकुआं में टीबी चिकित्सा महाविद्यालय की नींव रखी जा रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश: पिछले 10 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां
एनएमसीएच में हाल के वर्षों में कई परियोजनाएं पूरी की गई हैं:
- 350 सीट का ऑडिटोरियम
- नशा मुक्ति केंद्र
- बीएससी नर्सिंग कॉलेज
- आरटी-पीसीआर लैब
- कॉक्लियर इंप्लांट सुविधा
- मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर
- नए छात्रावासों का निर्माण
मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत बीएससी नर्सिंग कॉलेज और छात्रावासों की स्थापना भी की जा रही है।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
इस उद्घाटन समारोह में पटना की मेयर सीता साहू, स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सीईओ शशांक शेखर सिन्हा, एनएमसीएच प्राचार्य डॉ. उषा कुमारी, अधीक्षक डॉ. रश्मि प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, समेत कई जनप्रतिनिधि, चिकित्सक, छात्र, समाजसेवी और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।