
पटना।मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद इलाज में हुई लापरवाही के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए दो चिकित्सा पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर की अधीक्षक डॉ. कुमारी बिभा को निलंबित कर दिया गया है, जबकि पीएमसीएच, पटना के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को पद से हटा दिया गया है।
लापरवाही के आरोप में कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना में बताया गया कि एक जून को दुष्कर्म पीड़िता की मृत्यु हो गई। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि एसकेएमसीएच अधीक्षक ने रेफरल नीति का पालन नहीं किया और अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन नहीं किया। इसके साथ ही, इलाज के दौरान अस्पताल प्रशासन ने घोर संवेदनहीनता दिखाई।
विभाग ने यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद अधीक्षक के विरुद्ध अलग से आरोप पत्र गठित किया जाएगा। वहीं, पीएमसीएच में भी प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह द्वारा अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरती गई, जो उनकी प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने जताया दुख, जांच टीम गठित
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि पीड़िता को पहले एसकेएमसीएच और फिर पीएमसीएच में इलाज के लिए लाया गया। उन्होंने सोमवार की शाम पटना लौटते ही अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली और सख्त निर्देश दिए कि सभी तथ्य सामने लाए जाएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि तीन निदेशक प्रमुखों की अध्यक्षता में दो जांच टीमें गठित की गई हैं। एक टीम एसकेएमसीएच और दूसरी पीएमसीएच में जाकर मामले की पड़ताल करेगी। जांच रिपोर्ट शीघ्र आने के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने भी इस मामले में कड़ी नाराज़गी जताई है और सरकार से जवाब मांगा है।