CBI
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नई दिल्ली।नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को आरोप तय करने को लेकर अहम सुनवाई हुई। सीबीआई ने अदालत में रेलवे में हुई उस भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए, जिसके तहत आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते कई लोगों को नौकरी दी गई और बदले में ज़मीन ली गई।

सीबीआई ने भर्ती प्रक्रिया को बताया संदिग्ध

सीबीआई के वकील ने अदालत में दलील दी कि यह बेहद सोचने वाली बात है कि रेलवे के एक ज़ोन में ग्रुप डी पदों के लिए अधिकांश आवेदन सिर्फ एक ही राज्य के उम्मीदवारों के कैसे आए। जांच एजेंसी ने बताया कि कई आवेदनों को एक ही दिन में मंज़ूरी दी गई, जबकि दस्तावेज़ों और प्रमाणपत्रों का ठीक से सत्यापन भी नहीं हुआ।

सीबीआई ने यह भी अदालत को बताया कि जिन लोगों की ज़मीन लालू प्रसाद यादव ने अपने या अपने करीबियों के नाम खरीदी, उनके या उनके रिश्तेदारों को रेलवे में नौकरी दी गई। एजेंसी ने इसे पूर्व नियोजित और नियमों के विरुद्ध भर्ती प्रक्रिया करार दिया।

अगली सुनवाई बुधवार को

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई बुधवार के लिए निर्धारित की है। इस दौरान अदालत आरोप तय करने पर अंतिम फैसला ले सकती है।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री (2004-2009) थे। आरोप है कि इस दौरान रेलवे में कई ग्रुप डी पदों पर बहाली के बदले संबंधित आवेदकों या उनके परिजनों से दिल्ली और पटना में ज़मीन लिखवाई गई। इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी सहित कई परिजन और पूर्व अधिकारी आरोपी हैं।