गया (बिहार) : बिहार के गया जिले से एक चौंकाने वाली और साहसिक घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी 10 वर्षीय बेटी को दो खतरनाक करैत सांपों से बचा लिया। घटना फतेहपुर थाना क्षेत्र के जम्हेता गांव की है।
जानकारी के अनुसार, राजू कुमार केसरी अपने परिवार के साथ घर में सोए हुए थे। सुबह जब उनकी पत्नी उठी तो देखा कि उनकी बेटी सलोनी कुमारी (10 वर्ष) के गले में दो सांप लिपटे हुए हैं। घबराकर उन्होंने शोर मचाया, जिससे राजू कुमार जागे और तुरंत बेटी की ओर दौड़े।
पिता ने जान जोखिम में डालकर बचाई बेटी की जान
राजू कुमार ने स्थिति को समझते ही बिना समय गंवाए अपनी बेटी के गले में लिपटे दोनों सांपों को हाथों से दबाकर मार डाला। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों सांप करैत प्रजाति के थे, जो बेहद विषैले माने जाते हैं। इस पूरी घटना के दौरान बच्ची पूरी तरह सुरक्षित रही और पिता को भी किसी तरह के विष का प्रभाव नहीं हुआ।
फतेहपुर अस्पताल में कराया गया प्राथमिक जांच
घटना के तुरंत बाद राजू कुमार अपनी बेटी के साथ फतेहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। डॉक्टरों ने दोनों की स्थिति सामान्य बताई, पर एहतियातन जांच के लिए गया मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। फिलहाल बच्ची और उसके पिता दोनों की हालत स्थिर और सामान्य है।
“जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई”
गांव में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीण इसे ईश्वर की कृपा मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब भगवान खुद रक्षक बन जाएं, तो कोई अनहोनी नहीं हो सकती। वहीं, बच्ची की मां, जो इस पूरे दृश्य की चश्मदीद रहीं, ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने ही सांप देखा और शोर मचाया, जिससे बच्ची की जान बच पाई।
राजू कुमार की बहादुरी की हो रही है प्रशंसा
राजू कुमार केसरी की बहादुरी की चारों ओर सराहना हो रही है। उन्होंने जिस तरह विषैले सांपों से सीधे भिड़ते हुए अपनी बेटी की जान बचाई, वह साहस और ममता का एक मिसाल बन गया है। राजू स्वयं भी हैरान हैं कि उन्होंने कैसे दो विषधरों को मार गिराया, लेकिन उनका कहना है कि उस समय सिर्फ बेटी की जान बचाना प्राथमिकता थी।
