
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (NIPCCD) का नाम बदलकर अब सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान कर दिया गया है। यह नाम परिवर्तन न केवल भारत की पहली महिला शिक्षिका और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के योगदान को सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि महिला एवं बाल विकास क्षेत्र में मंत्रालय की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि यह संस्थान महिलाओं और बच्चों के क्षेत्र-विशिष्ट, मिशन आधारित विकास कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
रांची में खुलेगा नया क्षेत्रीय केंद्र – 4 जुलाई को उद्घाटन
इस बदलाव के साथ एक अहम कदम के रूप में, 4 जुलाई 2025 को रांची (झारखंड) में एक नया क्षेत्रीय केंद्र भी शुरू किया जा रहा है।
इस केंद्र का उद्देश्य झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों में मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं के तहत कार्य कर रहे फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करना है।
प्रशिक्षण में आएगी तेजी, पहुँच बनेगी आसान
अब तक इन राज्यों के प्रशिक्षण की ज़िम्मेदारी गुवाहाटी और लखनऊ स्थित केंद्रों पर थी, जिससे दूरी और संसाधनों की कमी के कारण व्यवहारिक चुनौतियां आती थीं। रांची में यह नया केंद्र:
- स्थानीय जरूरतों के अनुसार अनुकूलित प्रशिक्षण देगा
- बाल मार्गदर्शन और परामर्श में एडवांस डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा
- पूर्वी भारत के 115 जिलों में फैले 7 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ देगा
महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण को मिलेगा बल
श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि यह नया केंद्र क्षेत्रीय, विकेन्द्रीकृत क्षमता निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय समस्याओं की पहचान और समाधान की दिशा में भी तेजी आएगी।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में “कोई महिला या बच्चा पीछे न छूटे”, इस लक्ष्य के साथ यह संस्थान मजबूत भागीदारी निभाएगा।
मुख्यालय और अन्य केंद्र
संस्थान का मुख्यालय नई दिल्ली में है। वर्तमान में इसके अन्य क्षेत्रीय केंद्र बेंगलुरु, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और मोहाली में स्थित हैं। यह संस्थान महिला एवं बाल विकास क्षेत्र में:
- प्रशिक्षण
- अनुसंधान
- नीति दस्तावेज़ीकरण
- क्षमता निर्माण
जैसी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है।