
पटना, 23 जून 2025:बिहार सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि रोड मैप के परिणामस्वरूप राज्य में पशु एवं मत्स्य उत्पादों के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। बीते दो दशकों में दूध, अंडा, मछली और मांस के उत्पादन में असाधारण तेजी से राज्य आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुआ है।
तीन गुना मछली उत्पादन, साढ़े चार गुना अंडा उत्पादन
- वर्ष 2005 से पहले, राज्य में मछली उत्पादन 2.68 लाख मीट्रिक टन था, जो 2023-24 में बढ़कर 8.73 लाख मीट्रिक टन हो गया — लगभग तीन गुना वृद्धि।
- दूध उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की गई है — 2004-05 में 4,743 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 12,852.99 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया।
- अंडा उत्पादन में तो इससे भी बड़ी छलांग लगी — 2004-05 में 79 करोड़ अंडे से बढ़कर 344 करोड़ अंडे का उत्पादन हुआ, जो लगभग साढ़े चार गुना वृद्धि है।
- मांस उत्पादन भी 176 हजार टन (2004-05) से बढ़कर 404.30 हजार टन (2023-24) हो गया है।
रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर राज्य
इन क्षेत्रों में उत्पादन की तेज़ी से बिहार न केवल आत्मनिर्भर बना, बल्कि लाखों ग्रामीणों और युवाओं को रोजगार भी मिला है। मत्स्य और पशुपालन क्षेत्र अब राज्य की आर्थिक रीढ़ बनने की ओर अग्रसर हैं।
कृषि रोड मैप की बड़ी भूमिका
राज्य सरकार ने वर्ष 2005 से अब तक चार कृषि रोड मैप लागू किए हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषकों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों की आमदनी बढ़ाना और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना है।
राज्य सरकार के अनुसार, चौथे कृषि रोड मैप के माध्यम से पशुधन एवं मत्स्य विकास को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।
ग्राम्य अर्थव्यवस्था में क्रांति की बुनियाद
कृषि रोड मैप की मदद से बिहार की ग्राम्य अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है। उत्पादकता में वृद्धि, बाजार तक पहुंच और प्रशिक्षण सुविधाओं से राज्य के किसान एवं पशुपालक विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।