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6 योजनाओं के माध्यम से 1.11 करोड़ लोगों को मिल रही है पेंशन सहायता

पटना, 23 जून 2025 :बिहार में सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक अहम उपलब्धि दर्ज करते हुए सरकार ने पेंशन योजनाओं के तहत राज्य की हर 12वीं आबादी को आर्थिक सहायता का लाभ पहुंचाया है। वृद्ध, विधवा, दिव्यांग एवं जरूरतमंदों को सम्मानजनक जीवन जीने हेतु सरकार छह सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं चला रही है, जिनमें से तीन योजनाएं पूरी तरह राज्य सरकार के संसाधनों पर आधारित हैं और तीन में केंद्र के सहयोग से सहायता दी जा रही है।


सभी योजनाओं में पेंशन की राशि बढ़कर हुई ₹1100

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित महिला संवाद की समीक्षा बैठक में इन सभी योजनाओं के तहत दी जाने वाली पेंशन राशि में 175% की वृद्धि का निर्णय लिया गया। अब हर लाभार्थी को न्यूनतम ₹1100 मासिक पेंशन दी जा रही है। इसका पूरा बोझ राज्य सरकार वहन करेगी।


1.11 करोड़ से अधिक लाभार्थी, हर साल 9200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार

राज्य में 1,11,22,825 लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से पेंशन दी जा रही है। इन योजनाओं के विस्तारीकरण और पेंशन राशि में वृद्धि के कारण बिहार सरकार पर कुल 9202.84 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार प्रतिवर्ष पड़ेगा।


केन्द्र और राज्य द्वारा संचालित योजनाएं

🏛 केंद्र की सहायता से संचालित पेंशन योजनाएं:

  1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
  2. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
  3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तता पेंशन योजना

इनमें बिहार सरकार अब तक 732.32 करोड़ रुपये वहन करती थी, जो अब बढ़कर 3508.90 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

🏛 बिहार सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित योजनाएं:

  1. लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
  2. बिहार विकलांगता पेंशन योजना
  3. मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना

इन योजनाओं पर पहले 3308.25 करोड़ रुपये खर्च होते थे, अब बढ़कर 4040.58 करोड़ रुपये का खर्च होगा।


सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

इन योजनाओं के जरिए बिहार सरकार सामाजिक समावेशन, वृद्धजन सम्मान और महिला सशक्तीकरण को गति दे रही है। राज्य के पिछड़े और वंचित वर्गों को आर्थिक आधार देकर मुख्यधारा में लाने का यह सबसे बड़ा प्रयास माना जा रहा है।