पटना:बिहार के चर्चित यूट्यूबर और बीजेपी नेता मनीष कश्यप ने पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में हुई पिटाई की घटना पर पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। हाल ही में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “अगर मुझे मार दिया गया होता तो अच्छा होता, लेकिन जलील करके जिंदा छोड़ दिया गया। अब मैं कफन बांधकर निकलूंगा।”
मनीष कश्यप सोमवार को एक मरीज की पैरवी के लिए पीएमसीएच पहुंचे थे, जहां एक महिला डॉक्टर से हुई बहस के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके साथ मारपीट की। इस दौरान उन्हें कथित रूप से बंधक भी बना लिया गया था।
“बहन कहने पर भड़क गईं डॉक्टर”
घटना के बारे में बताते हुए मनीष ने कहा कि वह रक्सौल की एक लड़की के इलाज के लिए पीएमसीएच पहुंचे थे। वहां एक महिला डॉक्टर से बातचीत के दौरान उन्होंने उन्हें “बहन” कहकर संबोधित किया, जिस पर डॉक्टर नाराज़ हो गईं और डॉक्टर कहकर बुलाने की बात कही। इसके बाद कुछ ही मिनटों में 100 से अधिक लोग इकट्ठा हो गए और अस्पताल सुपरिंटेंडेंट के चैंबर के बाहर उनकी पिटाई की गई।
“झूठे हैं छेड़खानी के आरोप”
महिला डॉक्टर द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोपों को मनीष ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “पूरा बिहार जानता है कि जब कोई सच बोलता है, तो उस पर महिला कार्ड खेल दिया जाता है। आधे छेड़खानी के केस झूठे होते हैं।”
बीजेपी छोड़ने के संकेत
बीजेपी से इस्तीफे के सवाल पर मनीष कश्यप ने कहा कि पिछली बार उनसे गलती हुई थी, लेकिन इस बार वह सोच-समझकर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा, “मैं अपने लोगों से बैठकर निर्णय लूंगा। जो जनता कहेगी, वही करूंगा।”
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप
मनीष ने राज्य सरकार और सत्ता में बैठे लोगों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “जब सिंहासन पर बैठे लोग धृतराष्ट्र बन जाते हैं, तो दुर्योधन का मनोबल बढ़ जाता है।” हालांकि उन्होंने बिहार पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि अगर पुलिस नहीं होती, तो शायद उनकी जान नहीं बच पाती।
पीएमसीएच पिटाई कांड के बाद मनीष कश्यप का यह बयान न सिर्फ उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है, बल्कि बिहार की राजनीति और चिकित्सा व्यवस्था में उठते सवालों को भी उजागर करता है। अब यह देखना होगा कि बीजेपी और राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं।