दिनांक: 16 जून 2025 वाराणसी | ब्यूरो रिपोर्ट
श्रेणी: राजनीति | धर्म | कानून
बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजप्रताप यादव एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। इस बार मामला धार्मिक स्थल की मर्यादा और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है।
तेजप्रताप यादव ने 13 जून 2025 को काशी विश्वनाथ धाम पहुंचकर दर्शन किए और बाद में मंदिर परिसर के प्रतिबंधित क्षेत्र (रेड ज़ोन) में एक 52 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा कर दिया। इस वीडियो में वे मंदिर के गर्भगृह के ठीक सामने शिखर की ओर प्रणाम करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी दिखाई दे रहे हैं।
मामले की जांच के आदेश
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विश्वभूषण मिश्र ने वीडियो वायरल होने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी नियम का उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
मिश्र ने कहा, “धाम के प्रतिबंधित क्षेत्र में वीडियो बनाना नियमों के विरुद्ध है। हमने प्रशासन, पुलिस और सीआरपीएफ से रिपोर्ट मांगी है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी कड़े निर्देश दिए जाएंगे।”
राजनीतिक और धार्मिक मोर्चे पर विवाद
तेजप्रताप यादव पहले भी अपने बयानों और गतिविधियों के चलते चर्चा में रह चुके हैं। हाल ही में वे अपने परिवार से दूरी को लेकर सुर्खियों में थे। अब धार्मिक स्थल पर नियम उल्लंघन का मामला उनके लिए राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही मोर्चों पर असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
वीडियो के वायरल होते ही कई सोशल मीडिया यूजर्स और धार्मिक संगठनों ने इस कदम को मंदिर की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए नाराजगी जाहिर की है। वहीं कुछ समर्थक इसे धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति के रूप में देख रहे हैं।
मंदिर प्रशासन की सख्ती
मंदिर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब से मोबाइल फोन और वीडियो रिकॉर्डिंग को लेकर और सख्ती बरती जाएगी। यदि जांच में तेजप्रताप या अन्य कोई व्यक्ति नियम उल्लंघन का दोषी पाया जाता है, तो उचित कानूनी कार्रवाई और विभागीय संस्तुति की जाएगी।