पटना। बिहार सरकार राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अब जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विभागीय सचिव तक पूरी तरह एक्शन मोड में हैं। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों व कर्मचारियों को कड़ा संदेश देते हुए स्पष्ट कहा है कि राजस्व विभाग में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
साथ ही जनता से अपील की गई है कि संपत्ति खरीद के 90 दिनों के भीतर दाखिल-खारिज अवश्य कराएं, ताकि बाद में किसी तरह की दिक्कत न हो।
“राजस्व कर्मचारियों का पंचायत भवन में बैठना अनिवार्य” — डिप्टी सीएम

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजस्व प्रशासन की पारदर्शिता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने निर्देश दिया कि:
- राजस्व कर्मचारी निर्धारित पंचायत सरकार भवन में ही बैठें।
- कोई भी राजस्व कार्य निजी स्थान या अवैध कार्यालय से नहीं होना चाहिए।
- जनता को सेवा निर्धारित स्थल पर, समय पर और बिना परेशानी के मिले।
विजय कुमार सिन्हा की चेतावनी
“किसी भी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा कार्यालय व्यवस्था से खिलवाड़, निजी व्यक्तियों का हस्तक्षेप या अवैध वसूली किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनियमितता मिलने पर कठोरतम कार्रवाई होगी।”
सिन्हा ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि कर्मचारियों की निर्धारित कार्यालय सूची पंचायत भवनों में नाम–नंबर सहित प्रदर्शित की जाए।
एक से अधिक हल्का क्षेत्र वाले कर्मचारियों के लिए रोस्टर भी तैयार करना अनिवार्य होगा।
सचिव ने जिलों को जारी किया पत्र — ‘निजी स्थान पर कार्यालय चलाना प्रतिबंधित’
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलों के समाहर्ता को पत्र जारी कर सख्त चेतावनी दी है।
पत्र में कहा गया है कि:
- राजस्व कार्य अंचल कार्यालय, पंचायत सरकार भवन, राजस्व कचहरी या सामुदायिक भवन से ही संचालित किए जाएं।
- निजी स्थान पर छद्म कार्यालय चलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
शिकायतों में बड़ा खुलासा
विभाग को मिली हाल की शिकायतों में पाया गया है कि:
- कुछ हल्का कर्मचारी निजी स्थानों से फर्जी कार्यालय चला रहे थे।
- कुछ मामलों में अंचल अधिकारियों के लैपटॉप, डोंगल और लॉगिन का दुरुपयोग निजी दलालों द्वारा किया गया।
- आवेदकों से अवैध वसूली की जानकारी भी सामने आई है।
सचिव जय सिंह की सख्त टिप्पणी
“यह आचरण सरकारी सेवक के लिए पूर्णतः अस्वीकार्य है। सभी जिलों में सख्त मॉनिटरिंग कराई जाए और डीसीएलआर, एसडीओ, एडीएम द्वारा नियमित औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।”
अंचल अभिलेखागार की सुरक्षा पर जोर
सचिव ने निर्देश दिया है कि:
- सभी राजस्व अभिलेख केवल अंचल अभिलेखागार में ही रखें जाएं।
- किसी भी कर्मचारी या हल्का कार्यालय में अभिलेख पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी।
- दलालों के हस्तक्षेप पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए।
- एक सप्ताह के अंदर सभी अंचल और हल्का कार्यालयों का निरीक्षण अनिवार्य है।
अनियमितता मिली तो कार्रवाई तय
निरीक्षण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों पर
कठोर अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



