रोहतक, 4 अक्टूबर। हरियाणा के रोहतक में शनिवार को आयोजित खादी कारीगर महोत्सव में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने खादी कारीगरों को 2298 मशीनें और टूलकिट्स वितरित किए। इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से 301 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया और 741.16 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली 8310 नई पीएमईजीपी इकाइयों का शुभारंभ किया।
33.66 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने वर्चुअल माध्यम से 33.66 करोड़ रुपये की लागत वाली कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस के खादी भवन को ‘खादी मॉल’ में बदलने का नवीनीकरण, गोरखपुर में केवीआईसी के नए कार्यालय का उद्घाटन, 762 नए वर्कशेड, 35 नवीनीकृत सेल्स आउटलेट और महाराष्ट्र के वर्धा में ऑर्गेनिक कॉटन सेंट्रल पूनी प्लांट शामिल हैं।
“हर परिवार सालाना 5000 रुपये की खादी खरीदे” – शाह
अपने संबोधन में शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान खादी को स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया था, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से खादी की बिक्री 33,000 करोड़ से बढ़कर 1.70 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है।
उन्होंने देशवासियों से अपील की, “हर परिवार सालाना 5000 रुपये की खादी जरूर खरीदे। इससे लाखों कारीगरों और बुनकरों की आजीविका मजबूत होगी और देश आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ेगा।”
कार्यक्रम में शामिल हुए कई बड़े नेता
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर और केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री सैनी ने इसे “स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का उत्सव” करार दिया और कहा कि खादी ‘लोकल टू ग्लोबल’ की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
खादी बनी आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
अमित शाह ने कहा कि जब हम खादी पहनते हैं तो यह सिर्फ वस्त्र नहीं होता बल्कि स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत की भावना होती है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2047 में आजादी की शताब्दी तक खादी देश को विकसित राष्ट्र बनाने की अहम धुरी होगी।
