जेडीयू में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल – भागलपुर सांसद अजय मंडल ने दी इस्तीफे की चेतावनी, नीतीश कुमार से मांगी अनुमति

पटना | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अंदर भी टिकट वितरण पर घमासान खुलकर सामने आ गया है।

भागलपुर के सांसद अजय मंडल ने पार्टी में “मनमानी और स्थानीय नेताओं की अनदेखी” का आरोप लगाते हुए सांसद पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इस्तीफा देने की अनुमति मांगी है।


“मेरी राय सुनी नहीं जा रही, टिकट बंटवारे में मनमानी हो रही है” – अजय मंडल

अपने पत्र में अजय मंडल ने लिखा,

“नीतीश कुमार जी, सादर प्रणाम।
मैं लगभग 20-25 वर्षों से भागलपुर क्षेत्र में जनता की सेवा कर रहा हूँ। मैंने हमेशा पार्टी को परिवार की तरह समझा और संगठन को मजबूत करने का कार्य किया है। परंतु अब पार्टी में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो संगठन और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया में, स्थानीय सांसद होने के बावजूद मुझसे कोई राय या चर्चा नहीं की गई है।”

अजय मंडल ने आगे लिखा कि

“जिन व्यक्तियों ने कभी पार्टी संगठन के लिए कार्य नहीं किया, उन्हें टिकट दिए जाने की बात हो रही है,
जबकि स्थानीय कार्यकर्ताओं और जिला अध्यक्षों की राय को अनदेखा किया जा रहा है।”


“2019 में मेरे नेतृत्व में जेडीयू की जीत हुई थी”

सांसद अजय मंडल ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि

“2019 में जब मैं सांसद बना,
तब पूरे बिहार में केवल मेरे क्षेत्र की विधानसभा सीट
जेडीयू ने उपचुनाव में मेरे नेतृत्व में जीती थी।
यह जनता दल (यू) के प्रति मेरी निष्ठा और जनता के विश्वास का प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि अब जब उनके ही क्षेत्र में बाहरी लोगों को टिकट देने की प्रक्रिया चल रही है, तो यह “अत्यंत दुखद स्थिति” है।


“मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा, राय की कोई अहमियत नहीं”

अजय मंडल ने आगे लिखा,

“मुझे आपसे मिलने तक नहीं दिया जा रहा,
न ही मेरी राय को सुना जा रहा है। ऐसे में जब संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया, तो सांसद पद पर बने रहने का औचित्य समाप्त हो जाता है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नाराजगी नहीं बल्कि
पार्टी के भविष्य और संगठन की मजबूती को लेकर चिंता का विषय है।


“बाहरी लोगों को प्राथमिकता देने से पार्टी कमजोर होगी”

मंडल ने अपने पत्र में कहा कि अगर

“इसी तरह बाहरी या निष्क्रिय लोगों को प्राथमिकता दी जाती रही, तो पार्टी की जड़ें कमजोर होंगी
और इसका सीधा असर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर पड़ेगा।”

उन्होंने अंत में नीतीश कुमार से अनुरोध किया कि

“मुझे सांसद पद से त्यागपत्र देने की अनुमति प्रदान करें, ताकि मैं आत्मसम्मान और निष्ठा के साथ आगे का निर्णय ले सकूं।”


राजनीतिक असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अजय मंडल का इस्तीफा देने का संकेत जेडीयू के भीतर बढ़ती असंतोष की बड़ी निशानी है। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद अब जदयू के भीतर भी असहमति के रूप में उभर रहा है। यह स्थिति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चुनावी तैयारी के बीच नई चुनौती बन सकती है।


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