
ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का शुभारंभ, किसानों को तकनीकी सहायता और पारदर्शी सेवाओं का वादा
पटना, 20 मई 2025:बिहार में कृषि क्षेत्र को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। समस्तीपुर जिले के पूसा में एक अंतर्राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जाएगी। यह घोषणा मंगलवार को गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने एक प्रेस वार्ता के दौरान की।
गन्ना किसानों के लिए डिजिटल युग की शुरुआत
प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री ने ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का भी शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से अब गन्ना किसानों और उद्यमियों को गुड़ इकाइयों सहित विभिन्न लाइसेंसिंग सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। इससे किसानों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी और व्यवस्था अधिक पारदर्शी व सहज बन सकेगी।
एप से मिलेगी खेती से जुड़ी हर जानकारी
मंत्री ने बताया कि गन्ना किसानों के लिए एक समर्पित मोबाइल एप तैयार किया गया है, जो उन्हें उन्नत खेती से जुड़ी सभी जानकारियां देगा:
- मौसम के अनुसार खाद और सिंचाई सलाह
- रोग नियंत्रण के उपाय और दवाओं की जानकारी
- आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी
- लागत कम करने के उपाय
- फसल प्रबंधन और कचरा नियंत्रण
उत्पादन बढ़ाने पर जोर, बंद मिलों में आएंगे उद्योग
राज्य में बंद पड़ी 15 चीनी मिलों में से 8 मिलों की संपत्ति अब बियाडा को हस्तांतरित कर दी गई है। इन परिसरों में नए उद्योग लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे रोजगार और निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे।
गुणवत्तापूर्ण बीज और यंत्रों की सुविधा
गन्ना उद्योग विभाग का लक्ष्य है कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित हो, जिससे उनकी लागत में कमी और उत्पादन में बढ़ोतरी हो। मंत्री ने कहा कि यह पहल किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में ठोस प्रयास है।
ग्लोबल मंच पर बिहार के गन्ना किसान
मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने कहा:
“पूसा में बनने वाला अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च सेंटर और डिजिटल व्यवस्था, गन्ना किसानों के लिए नई शुरुआत है। इससे वे वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाएंगे।”
कृषि निवेश को मिलेगा बढ़ावा – सचिव
गन्ना उद्योग विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि किसान और निवेशक सरल, पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रियाओं के माध्यम से काम कर सकें। इससे राज्य में औद्योगिक विकास और कृषि सशक्तिकरण दोनों को बल मिलेगा।
पूसा में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान केंद्र और डिजिटल पोर्टल जैसे प्रयास बिहार के गन्ना किसानों को तकनीक, सुविधा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेंगे। यह पहल कृषि सुधारों की दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।