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नई दिल्ली, 24 जून — यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूपीआई लेनदेन में पैसे कटने के बाद भुगतान विफल होने की स्थिति में तुरंत रिफंड सुनिश्चित करने के लिए नई चार्जबैक प्रणाली की घोषणा की है। यह नियम 15 जुलाई 2025 से लागू होगा।

क्या बदलेगा इस नए नियम से?

अब यदि किसी यूपीआई ट्रांजेक्शन के दौरान रकम खाते से कट जाए लेकिन भुगतान न हो, तो यह रकम स्वचालित रूप से तुरंत उपभोक्ता के खाते में वापस चली जाएगी। रिफंड के लिए बैंक या एनपीसीआई से अलग मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।

अब तक क्या होता था?

पहले की व्यवस्था के तहत:

  • ग्राहक को अपने बैंक से शिकायत करनी पड़ती थी।
  • अगर महीने में 10 से ज्यादा चार्जबैक या किसी एक व्यक्ति से 5 से अधिक शिकायतें होती थीं, तो अगली शिकायत स्वत: खारिज कर दी जाती थी।
  • यदि दावा सही भी होता, तब भी बैंक को एनपीसीआई से रिफंड के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी।
  • इस प्रक्रिया में कई दिन या हफ्तों की देरी होती थी।

अब क्या होगा?

  • यूपीआई लेनदेन असफल होते ही राशि अपने आप ग्राहक के खाते में वापस आ जाएगी
  • बैंकों को एनपीसीआई से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।
  • ग्राहकों को रिफंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा

एनपीसीआई का उद्देश्य

इस बदलाव का मकसद है:

  • यूपीआई लेनदेन में पारदर्शिता और भरोसे को बढ़ाना।
  • ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना।
  • डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और अधिक मजबूत और विश्वसनीय बनाना।

यह नई व्यवस्था देश में रियल टाइम डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर को और अधिक सशक्त बनाएगी।