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पटना, 24 जून — केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नामांकन को लेकर तीखा प्रहार किया है। सोमवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि राजद अब पार्टी नहीं, एक परिवार की कंपनी बन गई है, जहां पद योग्यता नहीं, वंश के आधार पर तय होता है।

“28 वर्षों से एक ही नाम, क्या यह लोकतंत्र है?”

नित्यानंद राय ने सवाल उठाते हुए कहा, “राजद की स्थापना के बाद से पिछले 28 वर्षों में क्या एक ही व्यक्ति का अध्यक्ष बने रहना लोकतांत्रिक है?” उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा या अन्य वर्गों के किसी नेता की दावेदारी करने की भी हिम्मत नहीं है।

“पार्टी के कार्यकर्ताओं की हो रही हकमारी”

उन्होंने यह भी कहा कि लालू प्रसाद द्वारा फिर से अध्यक्ष पद पर नामांकन करना राजद कार्यकर्ताओं और नेताओं की हकमारी है। यह साबित करता है कि राजद पूरी तरह वंशवाद और परिवारवाद की नीति पर चलती है

भ्रष्टाचार के आरोप भी दोहराए

गृह राज्य मंत्री ने कहा, “यह परिवार भ्रष्टाचार में डूबा है और आज तक बिहार के गरीबों और नौजवानों का केवल शोषण किया है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से सचेत रहने की अपील करते हुए दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजद का पतन तय है।

सियासी हलचल तेज

नित्यानंद राय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजद में फिर से नेतृत्व को लेकर औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है और लालू प्रसाद का नामांकन लगभग निर्विरोध माना जा रहा है। ऐसे में यह बयान राज्य की राजनीति में वंशवाद बनाम लोकतंत्र की बहस को एक बार फिर केंद्र में ले आया है।