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भारतीय रेलवे ने बदली ‘हाई स्पीड ट्रेन’ की परिभाषा, अब 130 किमी/घंटा से अधिक रफ्तार पर ही मिलेगा विशेष दर्जा

ByLuv Kush

मई 3, 2025
Passenger Train scaled

नई दिल्ली – भारतीय रेलवे ने ‘हाई स्पीड ट्रेन’ की परिभाषा में बड़ा बदलाव करते हुए इसकी न्यूनतम गति सीमा को बढ़ा दिया है। अब 130 किमी/घंटा या उससे अधिक की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों को ही ‘हाई स्पीड’ की श्रेणी में रखा जाएगा। इससे पहले यह सीमा 110 किमी/घंटा थी।

रेलवे बोर्ड की स्थायी बहु-विषयक समिति की सिफारिशों के आधार पर यह बदलाव किया गया है। इस निर्णय की जानकारी क्षेत्रीय रेलवे महाप्रबंधकों को पत्र के माध्यम से दी गई है। यह कदम रेलवे के आधुनिकीकरण और ट्रैक सुधारों के बाद उठाया गया है, जिससे यात्रा समय में कमी और संचालन दक्षता में वृद्धि होगी।

लोको पायलटों की तैनाती में भी बदलाव

समिति ने लोको रनिंग स्टाफ और यूनियनों की शिकायतों पर विचार के बाद लोको पायलट (LP) और सहायक लोको पायलट (ALP) की तैनाती की शर्तों में भी बदलाव किया है। अब 130 किमी/घंटा की रफ्तार वाली ट्रेनों में ALP की नियमित तैनाती होगी। इसके लिए प्रमोशनल कोर्स अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन कंप्यूटर एडेड ड्राइवर एप्टीट्यूड टेस्ट पास करना जरूरी रहेगा। साथ ही ALP के पास कम से कम 60,000 किमी का फुट प्लेट अनुभव होना अनिवार्य होगा।

MEMU और EMU ट्रेनों पर भी असर

समिति ने 200 किमी या उससे अधिक दूरी तय करने वाली MEMU ट्रेनों में भी ALP की तैनाती की सिफारिश की है। हालांकि, यह नियम EMU ट्रेनों पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही क्रू वायस और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम को गोपनीयता के अनुरूप मानते हुए लागू करने का सुझाव दिया गया है।

सुरक्षा के लिए नए उपकरण

सुरक्षा मानकों को और बेहतर करने के लिए समिति ने सामान्य मौसम में भी फॉग सेफ डिवाइस लगाने का सुझाव दिया है। यह डिवाइस लो विजिबिलिटी में ट्रेन संचालन को सुरक्षित बनाएगा।

लखनऊ-गोरखपुर-छपरा मार्ग पर भी दौड़ेंगी हाई स्पीड ट्रेनें

पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग को अब 130 किमी/घंटा की स्पीड के लिए तैयार किया जा रहा है। ट्रैक उन्नयन, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग और फेंसिंग के बाद इस रूट पर गोरखधाम, वैशाली और गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें हाई स्पीड में दौड़ सकेंगी। वर्तमान में इस रूट पर वंदे भारत समेत अधिकतर ट्रेनें अधिकतम 110 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं।

वैश्विक मानकों की ओर बढ़ता भारतीय रेलवे

इन तमाम बदलावों के माध्यम से भारतीय रेलवे ट्रेनों की गति और सुरक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। यात्रियों को बेहतर सेवा, तेज यात्रा और अधिक सुरक्षित रेल सफर का अनुभव जल्द ही देखने को मिलेगा।

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