
भागलपुर, 25 जून। भारतीय जनता पार्टी द्वारा देशभर में 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ “काला दिवस” के रूप में मनाई जा रही है। इसी क्रम में बुधवार को भाजपा भागलपुर जिला इकाई ने विद्या होटल परिसर में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले 45 लोकतंत्र रक्षकों को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें आपातकाल के दौरान की प्रमुख घटनाओं, दस्तावेज़ों, प्रेस पर लगाए गए प्रतिबंधों और लोकतंत्र पर हुए आघात को चित्रों व दस्तावेजों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं भागलपुर जिला प्रभारी संतोष कुमार सिंह उपस्थित थे।
कैबिनेट मंत्री श्री सिंह ने कहा, “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय था, जब मौलिक अधिकारों को कुचलने, प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने और विपक्षी नेताओं को जेल में डालने का प्रयास किया गया। यह दिन हमें लोकतंत्र की कीमत और उसकी रक्षा के लिए किए गए संघर्ष की याद दिलाता है।”
भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा केवल मतदान तक सीमित नहीं है, इसके लिए सतत जागरूकता और संघर्ष की आवश्यकता होती है। उन्होंने लोकतंत्र रक्षकों के साहस और योगदान को नमन किया।
विधान परिषद सदस्य डॉ. एन.के. यादव ने अपने संबोधन में संजय गांधी द्वारा आपातकाल के दौरान जबरन नसबंदी कराए जाने और बिहार के कई नेताओं को जेल भेजने की घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने मीसा कानून के अंतर्गत गिरफ्तारी की याद दिलाते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उसी कानून के नाम पर अपनी बेटी का नाम ‘मीसा’ रखा। डॉ. यादव ने लालू प्रसाद के कांग्रेस के साथ गठबंधन पर भी कटाक्ष किया।
पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष हरिवंशमणि सिंह ने कहा कि आपातकाल भारत की जनता के लिए एक चेतावनी थी कि तानाशाही प्रवृत्तियाँ कभी भी लोकतंत्र पर हमला कर सकती हैं। लेकिन जनता ने एकजुट होकर लोकतंत्र को फिर से स्थापित किया।
कार्यक्रम में रतन मंडल ने कहा कि “देश की जनता ने इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाया था, लेकिन उन्होंने आपातकाल लगाकर स्वयं को रानी समझ लिया था।”
मंच संचालन डॉ. रोशन सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अभय घोष सोनू ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर नभय चौधरी, अभय वर्मन, रोहित पांडे, राजकुमार गुड्डू, पवन मिश्रा, रूबी दास, बंटी यादव, राजीव मुन्ना सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
उपस्थित गण में शामिल थे: अभय घोष, मुकेश सिंह, वंदना तिवारी, आलोक सिंह बंटू, योगेश पांडे, उमाशंकर, नितेश सिंह, प्रणव दास, राजेश टंडन, डॉली मंडल, रूपा रानी, अभिमन्यु राम, विजय कुशवाहा, चंदन चंद्राकर, निरंजन चंद्रवंशी, आशीष सिंह, अमृतलाल, दिलीप मिश्रा, उत्तम चौधरी, मनीष यादव, सन्नी यादव, दिलीप जायसवाल, सुनिधि मिश्रा, प्रशांत विक्रम, ओमप्रकाश तिवारी, भोला मंडल, स्वेता सिंह, आलोक सिंह, चंदन पांडे, संजय हरि, संजय चौधरी, नवीन बन्नी, अरुण मंडल, प्रशांत गंगोत्री, मनीष कश्यप, कुंदन कुमारी, मनोज हरि, रेखा शाह, ज्योति डालूका, चंदन यादव, महेन्द्र महलदार, रितेश घोष, पियूष सिंह, जयप्रकाश यादव, धर्मेंद्र नाथ सहाय, निरंजन कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य लोग।