पटना, 30 मई 2025:बिहार में महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। “बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी लिमिटेड, पटना” का औपचारिक रूप से पंजीकरण कर इसे राज्य की पहली महिला-नेतृत्व वाली साख सहकारी संस्था के रूप में मान्यता दी गई है। इस संस्था को जीविका द्वारा प्रोत्साहित किया गया है और इसका उद्देश्य राज्य की ग्रामीण महिलाओं को सुलभ, पारदर्शी और समयबद्ध ऋण सुविधा प्रदान करना है।
महिलाओं के हाथों में आर्थिक सशक्तिकरण की कमान
इस सहकारी संस्था का गठन पूरी तरह महिला नेतृत्व में हुआ है, जो इसे खास बनाता है। इसके जरिए अब महिलाएं केवल ऋण प्राप्त करने वाली इकाई नहीं, बल्कि वित्तीय संरचना और निर्णय प्रक्रिया की मुख्य धुरी बन चुकी हैं। इस पहल से बिहार की लाखों ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी।
उद्घाटन अवसर पर मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस विशेष अवसर पर बिहार सरकार के सहकारिता विभाग के सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह और रजिस्टार इनायत खान ने संस्था का निबंधन प्रमाणपत्र जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा को सौंपा। यह क्षण न केवल जीविका के लिए बल्कि इससे जुड़ी एक करोड़ से अधिक महिलाओं के लिए भी गौरवपूर्ण रहा।
स्थानीय महाजनों से मुक्ति, सस्ती और संरचित ऋण प्रणाली की शुरुआत
संस्था का उद्देश्य न केवल ऋण प्रदान करना है, बल्कि ऋण वितरण में पारदर्शिता, सरल प्रक्रिया और समयबद्धता सुनिश्चित करना भी है। इसके माध्यम से महिलाएं ऊंचे ब्याज दरों पर कर्ज देने वाले महाजनों पर निर्भर हुए बिना, व्यवस्थित ऋण प्रणाली का लाभ उठा सकेंगी।
स्थानीय सहयोग और सरकारी समर्थन से बनी सशक्त नींव
संस्था की नींव वर्षों की मेहनत, वित्तीय साक्षरता, सामुदायिक संरचना और सरकारी समर्थन पर आधारित है। संकुल स्तरीय संघों (CLF) द्वारा दीर्घकालीन जमा राशि और बिहार सरकार की वित्तीय सहायता ने इसे मजबूती प्रदान की है।
राष्ट्रीय स्तर पर बन सकती है मिसाल
“बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी लिमिटेड” भविष्य में भारत के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन सकती है कि कैसे महिला नेतृत्व वाली, समुदाय आधारित वित्तीय संस्थाएं ग्रामीण भारत के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को बदल सकती हैं।