पटना, बिहार: प्रवर्तन निदेशालय (ED) का नाम लेकर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले दो सहोदर भाइयों को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गिरफ्तार किया है। आरोपी रंजीत कुमार और संजीत कुमार खुद को रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी और ईडी के करीबी बताकर डॉक्टरों और अन्य पेशेवरों से मोटी रकम वसूलते थे।
फर्जी रिटायर्ड कमिश्नर बनकर करते थे कॉल
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे खुद को सेवानिवृत्त कमिश्नर “कारू राम” बताकर पीड़ितों को फोन करते थे और कहते थे कि उनके खिलाफ मामला दर्ज है, लेकिन वे उसे “मैनेज” कर सकते हैं। इसके बदले में वे 2 लाख रुपए तक की मांग करते थे। पैसे मिलने के बाद झूठा आश्वासन देते कि केस खत्म हो चुका है।
2 मई को चिकित्सक की शिकायत से हुआ खुलासा
पटना के सगुना मोड़ स्थित एक अस्पताल के डॉक्टर ने 2 मई 2025 को EOU को सूचित किया कि उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को IAS अधिकारी और ईडी से जुड़ा बताते हुए डराने की कोशिश की गई और 2 लाख रुपये की मांग की गई। सूचना के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने सक्रियता दिखाते हुए इन नंबरों को सर्विलांस पर लिया।
गिरफ्तारी और बरामद साक्ष्य
2 मई को ही एक विशेष टीम ने छापेमारी कर दानापुर, वार्ड नंबर 15, सुल्तानपुर भट्ठा के रहने वाले रंजीत और संजीत को गिरफ्तार किया। इनके पास से दो कीपैड फोन, एक स्मार्टफोन और कई फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए। इन लोगों के मोबाइल में फर्जी WhatsApp अकाउंट भी मिला, जिसे वे “कारू राम, IAS (रिटायर्ड)” के नाम से चला रहे थे।
“इन लोगों के द्वारा लगभग 10 से 20 लोगों को अपना शिकार बनाया गया है। इनके खिलाफ पहले से भी दानापुर में मामला दर्ज है। पूछताछ जारी है और संपत्ति की भी जांच की जाएगी।”
— संजय कुमार सिंह, एसपी, आर्थिक अपराध इकाई
संगठित अपराध का हिस्सा, आगे होगी बड़ी कार्रवाई
EOU के अनुसार, यह एक संगठित अपराध गिरोह का हिस्सा हो सकता है। दोनों भाइयों से पूछताछ के आधार पर यह आशंका है कि और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं। पुलिस ने विशेष जांच टीम गठित कर दी है, जो इनके बैंक खातों, सम्पत्ति और कॉल डिटेल्स की जांच करेगी।