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पटना, 02 जून 2025:राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार के जिलों में जमीन से जुड़ी लोक उपयोगी योजनाओं के क्रियान्वयन की मासिक समीक्षा की है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि आमजन को इन योजनाओं का कितना वास्तविक लाभ मिल रहा है। विभाग ने आठ प्रमुख योजनाओं के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय की है, जिनमें इस बार बांका जिला ने टॉप किया है।

समीक्षा का उद्देश्य और प्रक्रिया

लोक-हित से जुड़ी योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा राज्य स्तर पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा की जाती है। मासिक समीक्षा के आधार पर जिलों, अनुमंडलों और प्रखंडों की रैंकिंग तैयार की जाती है। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चेतावनी दी जाती है।

आठ योजनाओं के आधार पर होती है रैंकिंग

रैंकिंग में शामिल योजनाएं और उनके लिए निर्धारित अंक इस प्रकार हैं:

योजना अंक
दाखिल-खारिज का पर्यवेक्षण 25
परिमार्जन प्लस 25
अभियान बसेरा-2 20
आधार सीडिंग 5
एडीएम कोर्ट 2.5
डीसीएलआर कोर्ट 2.5
ई-मापी 10
डीएम कोर्ट 10

बांका नंबर 1, शेखपुरा खिसका दूसरे स्थान पर

इस बार बांका ने 100 में से 65.52 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, पिछले महीने की रैंकिंग में शीर्ष पर रहा शेखपुरा जिला 64.61 अंक के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। पूर्वी चंपारण ने जबरदस्त छलांग लगाते हुए 22वें स्थान से सीधे तीसरे स्थान (63.48 अंक) पर जगह बना ली है।

सरकारी भूमि सत्यापन में शेखपुरा अव्वल

सरकारी भूमि सत्यापन के मामले में शेखपुरा ने 96.40% प्लॉट वेरिफिकेशन के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद लखीसराय (94.21%), पश्चिम चंपारण (91.51%), अरवल (88.19%), और बक्सर (88.04%) क्रमशः दूसरे से पांचवें स्थान पर हैं।

सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज में पूर्वी चंपारण सबसे आगे

इस श्रेणी में पूर्वी चंपारण ने 62.98% मामलों के निपटारे के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अन्य जिले इस प्रकार हैं:

  • सुपौल: 54.39%
  • रोहतास: 53.04%
  • अरवल: 50.00%
  • मुंगेर: 49.45%

हालांकि, अररिया, बक्सर, लखीसराय, सहरसा और सीतामढ़ी जिलों में अब तक इस प्रक्रिया की शुरुआत नहीं हुई है, जो चिंता का विषय है।