पटना | एजुकेशन डेस्क | 6 मई 2025
बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कराने का खेल अब खत्म होने की कगार पर है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए बड़ा कदम उठाया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई के निर्देश देते हुए पूरे सिस्टम को दुरुस्त करने की पहल शुरू कर दी है।
मुंगेर से उठा मामला, राज्यभर में मचा हड़कंप
हाल ही में मुंगेर जिले में एक शिक्षक पर आरोप लगा कि वह स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते थे, लेकिन उनकी हाजिरी रोजाना दर्ज होती थी। जांच में यह आरोप सही पाया गया, जिससे शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। इसके बाद ऐसे मामलों पर कड़ी निगरानी का आदेश दिया गया है।
बेतिया में बना निगरानी कोषांग, ई-मोबाइल उपस्थिति पर सख्ती
इन घटनाओं के मद्देनज़र पश्चिम चंपारण (बेतिया) जिले में ई-मोबाइल उपस्थिति अनुश्रवण कोषांग का गठन किया गया है। इस कोषांग में नियुक्त अधिकारी हैं:
- राजेश कुमार पांडेय, अधीक्षक, जिला शिक्षा कार्यालय
- अरुण कुमार अकेला, सहायक कंप्यूटर प्रोग्रामर
- जितेंद्र सिन्हा, कार्यक्रम सहायक
- प्रकाश कुमार, कार्यपालक सहायक
इस टीम को जनवरी 2025 से सभी शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति पर गहन निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ई-शिक्षाकोष ऐप को भी किया गया अपडेट
फर्जी हाजिरी रोकने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा विकसित ई-शिक्षाकोष ऐप को भी अपडेट किया गया है। हालांकि, अब तक कुछ शिक्षक इस सिस्टम को चालाकी से चकमा दे रहे थे। लेकिन अब, विभाग ने तकनीकी निगरानी को और अधिक सख्त और प्रभावी बना दिया है।