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बिहार में 2500 मेगावाट आवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास की कवायद हुई तेज

ByKumar Aditya

मार्च 5, 2025
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पटना: बिहार सरकार ने ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास को लेकर बड़ी पहल की है। राज्य में 2500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिसमें 500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना के लिए निविदा जारी कर दी गई है। इस योजना से बिजली आपूर्ति को निर्बाध और सस्ती बनाने में मदद मिलेगी।

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि 2000 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के लिए बिहार सरकार ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से सहयोग मांगा है। इससे पहले, लखीसराय के कजरा में 495 मेगावाट ऑवर क्षमता की देश की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के विकास पर काम शुरू हो चुका है।

 कैसे होगी बिजली की बचत और आपूर्ति?

बिहार सरकार की इस पहल से पीक ऑवर (बिजली की अधिक मांग के समय) में बिजली उपलब्ध कराना आसान होगा। दिन में सस्ती और अतिरिक्त बिजली को बैटरी भंडारण प्रणाली में स्टोर किया जाएगा, जिससे शाम और रात के समय भी उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली मिल सकेगी।

 परियोजना के लिए कंपनियों की दिलचस्पी

500 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजना के लिए निविदा जारी कर दी गई है। हाल ही में हुई निविदा पूर्व बैठक में टाटा पावर, जेएसडब्लू एनर्जी, स्नाइडर इलेक्ट्रिक, अवाडा और पेस पावर समेत 12 बड़ी कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है।

कैसे होगा फंडिंग?

इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार अधिकतम 30% लागत (27 लाख रुपये प्रति मेगावाट ऑवर) VGF (Viability Gap Funding) स्कीम के तहत देगी।
शेष 70% राशि परियोजना डेवलपर एजेंसी वहन करेगी। पहले चरण में 16 ग्रिड उपकेन्द्रों पर यह परियोजना लागू की जाएगी।

 समयसीमा और संचालन

परियोजना को 18 महीने में पूरा करना होगा, जिसके बाद कम से कम 12 वर्षों तक इसके संचालन और रखरखाव का अनुबंध किया जाएगा।

राज्य के लिए क्या होगा फायदा?

  • पीक ऑवर में बिजली महंगी दर पर खरीदनी नहीं पड़ेगी।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की बाध्यता (Renewable Purchase Obligation) भी पूरी होगी।
  • विद्युत वितरण कंपनियों को आर्थिक लाभ होगा।
  • सस्ती बिजली से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने इस परियोजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताते हुए कहा कि इससे बिहार के लोगों को सस्ती और निर्बाध बिजली मिलेगी। साथ ही, राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत किया जा सकेगा।

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