IMG 4268
WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें

पटना: पटना जिले में बालू की किल्लत और अवैध खनन की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। खनन एवं भूतत्व विभाग, पटना ने जिले की चार प्रमुख नदियों – गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा – के कुल 148 बालू घाटों की पांच साल के लिए ई-नीलामी शुरू कर दी है।

13 मई 2025 को जारी अधिसूचना के मुताबिक, इस ई-नीलामी का उद्देश्य न सिर्फ सस्ती दरों पर बालू उपलब्ध कराना है, बल्कि अवैध खनन पर नियंत्रण और सरकारी राजस्व में वृद्धि भी है।

छोटे निवेशकों को मिलेगा मौका

जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, सभी 148 घाटों को 5 एकड़ के छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा गया है। इससे पहले बड़े ठेकेदारों का वर्चस्व रहता था, लेकिन इस बार छोटे व्यापारी और निवेशक भी बोली में हिस्सा ले सकेंगे।

सभी घाटों को पहले ही पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचेगा, ऐसा दावा किया गया है।

नीलामी से जुड़ी मुख्य तिथियां:

  • निविदा दस्तावेज डाउनलोड की शुरुआत: 15 मई 2025, सुबह 11 बजे
  • बोली जमा करने की अंतिम तिथि: 12 जून 2025, शाम 4 बजे
  • खनन कार्य की अनुमति: सफल बोलीदाताओं को नवंबर 2025 से
  • वैधता अवधि: नवंबर 2025 से 2030 तक

नीलामी से जुड़ी सभी जानकारी patna.nic.in पर उपलब्ध है।

अवैध खनन पर सख्ती के प्रयास

पटना में अवैध बालू खनन की समस्या कोई नई नहीं है। 2023 में तत्कालीन डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने विशेष टास्क फोर्स बनाकर छापेमारी तेज की थी।

अप्रैल से जुलाई 2023 के बीच 172 छापेमारी में 414 वाहन जब्त किए गए और 48 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया।

2024 में राज्य सरकार ने सख्त नियम लागू किए, जिनमें:

  • पहली बार अवैध खनन पर 5 लाख रुपये जुर्माना
  • दूसरी बार पर 10 लाख रुपये जुर्माना
  • बार-बार उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान शामिल है।

क्या सख्ती जमीन पर दिखेगी?

हालांकि नियम सख्त हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत की शिकायतें पहले भी आती रही हैं। ऐसे में असली चुनौती इन नियमों को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने की है। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि नीलामी पारदर्शी हो और अवैध खनन को पूरी तरह रोका जा सके।