अमृतसर। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाए जाने की आशंका के बीच अमृतसर का स्वर्ण मंदिर प्रमुख लक्ष्य था। लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता और अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों की बदौलत पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को विफल कर दिया गया, जिससे यह पवित्र स्थल पूरी तरह सुरक्षित रहा।
भारतीय सेना का डेमो, दिखाया कैसे किया बचाव
पंजाब के अमृतसर में सोमवार को भारतीय सेना ने एक डेमो आयोजित कर दिखाया कि कैसे आकाश मिसाइल प्रणाली, एल-70 एयर डिफेंस गन और अन्य उन्नत हथियारों की मदद से सेना के वायु रक्षा गनर्स ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को नाकाम कर दिया। इस प्रदर्शन में स्पष्ट किया गया कि कैसे सेना ने स्वर्ण मंदिर पर लक्ष्य बनाए गए सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया, जिससे एक खरोंच तक नहीं आने दी गई।
8 मई को हुआ था बड़ा हवाई हमला
15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने 8 मई की सुबह अंधेरे में मानव रहित ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ भारत पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया था। हालांकि, भारतीय सेना को इसकी पूर्व जानकारी थी और वायु रक्षा कवच को पहले ही मजबूत कर दिया गया था।
पाकिस्तान के इरादों को मिला करारा जवाब
मेजर जनरल शेषाद्रि ने कहा, “भारतीय सेना एक पेशेवर बल है, जो गंभीर उकसावे के बावजूद संयम और संतुलन के साथ प्रतिक्रिया देता है। हमने सटीक हमलों के जरिए केवल आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया, जिससे किसी नागरिक को नुकसान न हो। पाकिस्तान की सेना भी इस तथ्य को स्वीकार कर चुकी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पास भारत में हमला करने का कोई वैध लक्ष्य नहीं है, और उसकी सेना भारतीय बलों का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है। यही कारण है कि वह आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति के रूप में अपनाकर, अपनी धरती से ड्रोन और मिसाइल हमलों का सहारा ले रहा है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ केवल स्थगित, समाप्त नहीं
सेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि केवल स्थगित किया गया है। यदि पाकिस्तान दोबारा आतंकियों का सहारा लेने की कोशिश करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
भारतीय सेना की तत्परता, तकनीकी दक्षता और संयमित रणनीति ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि भारत की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं हो सकता। अमृतसर और स्वर्ण मंदिर को पाकिस्तानी हमलों से बचाकर, सेना ने देशवासियों का विश्वास और गौरव दोनों कायम रखा है।