
पटना, 23 जून 2025:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोमवार को राजधानी पटना स्थित 1 अणे मार्ग पर राज्यभर से आए दिव्यांगजनों ने मुलाकात की और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि में ढाई गुना से अधिक बढ़ोतरी किए जाने पर उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
दिव्यांग प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और कहा कि उनका यह निर्णय इतिहास बदलने वाला और समाज के प्रति असाधारण समर्पण को दर्शाने वाला है।
“दिव्यांगों का मनोबल बढ़ाने वाला फैसला”
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों से संवाद करते हुए कहा:
“आप सभी बुलंद रहिए, हम संकल्पबद्ध हैं कि समाज के हर तबके को सम्मान और अधिकार मिले। आपकी जरूरतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिव्यांगजनों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन में एकमुश्त भारी बढ़ोतरी कर उन्होंने दिव्यांग समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा संबल दिया है।
अब 1100 रुपये प्रतिमाह मिलेगी पेंशन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 जून 2025 को घोषणा की थी कि
अब तक 400 रुपये प्रति माह मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है।
इस ऐतिहासिक फैसले से वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं सहित कुल 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को सीधा फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री के समर्थन में लगे नारे
इस मौके पर उत्साहित दिव्यांगजनों ने मुख्यमंत्री के समर्थन में जोरदार नारेबाजी भी की और इसे “दिव्यांग सशक्तिकरण का नया युग” बताया।
उपस्थित रहे कई प्रमुख जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी
इस अवसर पर कई प्रमुख नेता, अधिकारी और समाजसेवी भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
- जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी
- उत्पाद व निबंधन मंत्री श्री रत्नेश सादा
- विधायक श्री गुंजेश्वर साह
- विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ एवं श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी
- पूर्व सांसद श्री अनिल हेगड़े
- जदयू प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुशवाहा
- मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार एवं डॉ. एस. सिद्धार्थ
- मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि
- बिहार विकलांग अधिकार मंच के राज्य सचिव श्री राकेश कुमार
- अन्य समाजसेवी, जनप्रतिनिधि एवं दिव्यांगजन
मुख्यमंत्री का संदेश: “विकास में कोई पीछे न रह जाए”
मुख्यमंत्री का यह कदम सामाजिक न्याय की दिशा में राज्य सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह निर्णय न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि दिव्यांगजनों को समाज में सम्मान और आत्मनिर्भरता की नई पहचान भी देगा।