
मोहर्रम का दसवां दिन: मातम, ताजिया जुलूस और कर्बला की कुर्बानी की याद
पटना, 6 जुलाई — आज मोहर्रम का दसवां और सबसे अहम दिन है। इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने मोहर्रम का यह दिन इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। पटना समेत राज्यभर में शिया और सुन्नी समुदायों ने अपने-अपने अंदाज में इस दिन को मातम और गम के साथ मनाया।
कर्बला की गूंज, ताजिया का जुलूस और अली हुसैन की सदाएं
शहर से लेकर गांव तक की गलियों में “अली हुसैन” की सदाएं गूंज रही हैं। मसौढ़ी के हुसैनाबाद सहित कई इलाकों में बड़े पैमाने पर ताजिया तैयार किया गया। मुहर्रम के दौरान न तो शादियां होती हैं और न कोई उल्लास। यह समय सिर्फ शहादत को याद करने और सब्र दिखाने का होता है।
कर्बला: जहां से शुरू हुआ गम का यह सिलसिला
680 ईस्वी में इराक के कर्बला में यजीद और इमाम हुसैन के बीच हुआ ऐतिहासिक युद्ध आज भी मुसलमानों के लिए सबक और प्रेरणा है। जबरदस्ती खलीफा बनने की जिद में यजीद ने इस्लाम की मूल भावना को कुचलना चाहा, जिसका विरोध करते हुए इमाम हुसैन ने अपनी जान दे दी, लेकिन अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
मो. खुर्शीद आलम और मो. मेराज ने क्या कहा
खलीफा मोहम्मद खुर्शीद आलम ने कहा, “ताजिया इमाम हुसैन की शहादत का प्रतीक है जिसे पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ तैयार किया जाता है। मुहर्रम आत्मबल, सब्र और सच्चाई के लिए संघर्ष का प्रतीक है।”
वहीं जदयू के अल्पसंख्यक नेता मो. मेराज ने कहा, “इमाम हुसैन मदीना से इराक आए थे और कर्बला में उन्होंने अपनी 72 साथियों के साथ शहादत दी। यही कारण है कि आज भी मुसलमान मोहर्रम को मातम के रूप में मनाते हैं।”
शांति और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पटना के मसौढ़ी में 14 ताजिया जुलूस निकाले जाएंगे। प्रशासन ने जुलूस की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली है और प्रत्येक जुलूस के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। स्थानीय प्रशासन ने शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी समुदायों से सहयोग की अपील की है।
शिक्षक मो. मंजर शादाब ने कहा, “मोहर्रम का संदेश अमन, भाईचारा और न्याय की स्थापना है। यह त्योहार जुल्म के सामने सिर न झुकाने और सच्चाई के लिए बलिदान देने की सीख देता है।”
जुलूस में शामिल होंगे कई स्थानीय प्रतिनिधि और खलीफा
मोहर्रम जुलूस में मोहम्मद खुर्शीद आलम, मोहम्मद अजहरुद्दीन उर्फ बबन, गोल्डन, रहमान, मिनहाज, दानिश, मुर्तजा, तहसीन, सोनू, शमशेर, शौकत, गोरख, अखलाक, बादशाह, रुस्तम, सरफराज, चुन्नू जी, बउआ, प्रिंस, बड़े मियां, फैजान, इम्तियाज, दिलशाद, अली, अरमान सहित कई लोग भाग लेंगे।