पटना, 27 मई 2025 – बिहार की राजधानी पटना में कोरोना वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है। मंगलवार को एम्स पटना के एक जूनियर डॉक्टर की रिपोर्ट कोविड-19 पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही शहर में सक्रिय संक्रमितों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। नए मामलों में एक मरीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के 30 वर्षीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं, जबकि तीसरे मरीज की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में की गई है।
यात्रा इतिहास नहीं, लक्षणों में भी बदलाव
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार के अनुसार, इन तीनों संक्रमितों में से किसी का भी हालिया यात्रा इतिहास नहीं मिला है। हालांकि मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं हैं, लेकिन अब कोरोना के लक्षणों में बदलाव देखा जा रहा है। पहले जहां खांसी, बुखार और गले की खराश प्रमुख थे, अब सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी और ऑक्सीजन लेवल में गिरावट जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
विशेषज्ञ इसे वायरस के संभावित नए वैरिएंट से जोड़कर देख रहे हैं। देश के अन्य राज्यों में भी कोविड के मामलों में इजाफा हुआ है, जिससे बिहार सरकार सतर्क हो गई है।
जीनोमिक सीक्वेंसिंग जल्द शुरू होगी
फिलहाल राज्य में RT-PCR पॉजिटिव मरीजों के सैंपल की जीनोमिक सीक्वेंसिंग नहीं की जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जल्द ही इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी, ताकि नए वैरिएंट की पहचान की जा सके।
IGIMS में की गई विशेष तैयारी
IGIMS अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अस्पताल में 12 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और 3 ICU बेड को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को भी अलर्ट रहने और आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
विशेषज्ञों की सलाह: सतर्क रहें, लक्षणों को न करें नजरअंदाज
बदलते लक्षणों और नए मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है। विशेषज्ञों ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी तरह के लक्षण को नजरअंदाज न करें, मास्क का उपयोग करें, भीड़ से बचें और जरूरी सावधानियां अपनाएं।
यह स्थिति एक बार फिर याद दिला रही है कि कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।