पटना, 10 जून 2025 — बिहार विधान परिषद से जुड़े एक गंभीर डाटा चोरी कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। विधान परिषद की नीति शाखा के कंप्यूटर से महत्वपूर्ण और गोपनीय डाटा चोरी कर उसे डिलीट करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें एक अवर सचिव भी शामिल हैं।
BNS और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज
ईओयू ने यह प्राथमिकी विधान परिषद के उप सचिव संजय कुमार के लिखित आवेदन के आधार पर दर्ज की है। सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच अब डीएसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है।
कमरे में घुसकर किया गया डाटा डिलीट
मामला 6 जून का है जब गोपनीय शाखा (कमरा नंबर 24) में कार्यरत रवि शेखर ने कंप्यूटर ऑन किया। उन्होंने देखा कि सिस्टम में मौजूद सभी महत्वपूर्ण फाइलें पूरी तरह डिलीट कर दी गई थीं। जांच में सामने आया कि किसी ने अनधिकृत रूप से कमरे में प्रवेश किया, कंप्यूटर को एक्सेस किया और जानबूझकर डाटा मिटाया।
बहाली प्रक्रिया से जुड़ा हो सकता है मामला
हालांकि परिषद की ओर से यह नहीं बताया गया कि डाटा किस विषय से संबंधित था, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह मामला संभवतः बहाली प्रक्रिया से जुड़ा हो सकता है। इस वजह से इसे अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
विधान परिषद की उच्च सुरक्षा वाली शाखा में इस तरह की डाटा चोरी और डिलीशन की घटना ने शासन-प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतना ही नहीं, इस घटना के बाद बिहार की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी संदेह जताया जा रहा है।
EOU की जांच में होगा खुलासा
विधान परिषद ने 6 जून को ही EOU के एडीजी को पत्र भेजकर औपचारिक शिकायत की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई। अब ईओयू की जांच से यह स्पष्ट होगा कि डाटा चोरी के पीछे कौन लोग थे, उनका उद्देश्य क्या था, और किसके इशारे पर यह काम हुआ।