5 मेगा फूड पार्क, 110 इंडस्ट्रियल पार्क और 7 लाख युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगी
पटना।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के औद्योगिक विकास को लेकर बड़ा बयान दिया है।
सीएम ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करके बताया कि अगले पांच साल में 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की कार्ययोजना पर काम शुरू हो चुका है।
उनके अनुसार, सरकार का लक्ष्य है कि बिहार को देश के टॉप-5 इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट्स की सूची में शामिल किया जाए।
देश–दुनिया में होंगे निवेशक सम्मेलन
पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि उद्योग विभाग जल्द ही भारत और विदेश के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों में निवेशक सम्मेलनों का आयोजन करेगा, ताकि बड़े उद्योग समूहों को बिहार में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके।
नीतीश कुमार के अनुसार, यह अभियान बिहार के औद्योगिक माहौल को नई दिशा देगा और राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर, 5 मेगा फूड पार्क बनने की तैयारी
सीएम ने कहा कि निवेश बढ़ाने के लिए बिहार में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और मजबूत किया जाएगा।
इसी के तहत सरकार—
- 5 नए मेगा फूड पार्क
- 10 बड़े औद्योगिक पार्क
- 100 MSME पार्क
विकसित करेगी।
इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद बिहार में उद्योग लगाने की प्रक्रिया और तेज़ व सरल होने की उम्मीद है।
7 लाख युवाओं को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले वर्षों में उद्योग-प्रासंगिक कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 7 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इससे न सिर्फ स्थानीय उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी, बल्कि युवा रोजगार के नए अवसर भी पा सकेंगे।
हर जिले में MSME केंद्र की स्थापना
उन्होंने कहा कि राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम निदेशालय बनाया जाएगा और सभी जिलों में MSME केंद्र स्थापित होंगे।
इन केंद्रों का उद्देश्य होगा—
- छोटे उद्योगों को तकनीकी सहायता
- मार्केट एक्सेस
- फाइनेंस और प्रशिक्षण में मदद
इसके साथ ही स्थानीय उत्पादों के निर्यात और विपणन की व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य—बिहार को औद्योगिक हब बनाना
मुख्यमंत्री के इस बयान को बिहार की औद्योगिक नीति में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सरकार का मानना है कि बड़े निवेश के साथ—
- रोजगार में तेजी आएगी
- उद्योगों का नेटवर्क बढ़ेगा
- बिहार का आर्थिक ढांचा मजबूत होगा


