पटना। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बिहार सरकार ने सतर्कता की तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्यभर में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल कराने का फैसला लिया गया है, जिससे आम लोगों को आपात स्थिति से निपटने का अभ्यास कराया जा सके। यह मॉक ड्रिल जिला, अनुमंडल और गांव स्तर तक चलाया जाएगा।
स्वयंसेवकों की तैनाती, मानदेय में बढ़ोतरी
नागरिक सुरक्षा कोर के स्वयंसेवकों को इस कार्य में लगाया जाएगा। उनकी संख्या बढ़ाने के साथ ही मानदेय 400 से बढ़ाकर 750 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। इससे पहले बुधवार को राज्य के छह जिलों के सात शहरों में सफलतापूर्वक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी।
मॉक ड्रिल से सीख लेकर सुधार होंगे
विकास आयुक्त एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एसीएस प्रत्यय अमृत ने बताया कि
“अब पूरे राज्य में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि आपात स्थिति में क्या करें और क्या न करें। पूर्व मॉक ड्रिल में जो कमियां रहीं, उन्हें सुधारा जाएगा।”
बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशालय, NCC, NSS, स्काउट-गाइड संगठनों के अधिकारी भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट, अस्पतालों को दिए निर्देश
आपात स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। अस्पतालों को एंबुलेंस, ऑक्सीजन, स्ट्रेचर और बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रत्यय अमृत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक, AIIMS और IGIMS के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी तैयारियां की जा रही हैं।
मुख्य बिंदु एक नजर में:
- ब्लैकआउट मॉक ड्रिल पूरे बिहार में होगा
- गांव स्तर तक लोगों को जागरूक किया जाएगा
- नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों का मानदेय बढ़ाया गया
- अस्पतालों को ऑक्सीजन, बेड, एंबुलेंस की व्यवस्था पुख्ता रखने के निर्देश
- स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने को तैयार राज्य सरकार