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पटना: पीएमसीएच अस्पताल के बाहर बीजेपी नेता और यूट्यूबर मनीष कश्यप ने अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रखा और फूट-फूटकर रो पड़े। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया। मनीष कश्यप का यह आक्रोश उस समय देखने को मिला जब उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर से पटना लाई गई 11 साल की एक रेप पीड़िता बच्ची की पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई।

मनीष ने बताया कि वे बच्ची का इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन की गैर जिम्मेदारी और लापरवाही के चलते बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने कहा, “मैं अपनी जान हथेली पर रखकर बच्ची की मदद के लिए आया था, लेकिन यहां के अस्पताल कर्मचारियों ने न केवल हमारी बात नहीं सुनी, बल्कि जब हमने इलाज की मांग की तो मुझे अस्पताल के अंदर ही पीटा गया।”

मनीष ने बताया कि इस दौरान अस्पताल के करीब 100 डॉक्टरों ने उन पर हमला किया और उनके साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि उनकी मोबाइल फोन भी छीन लिया गया और लगभग तीन घंटे तक उन्हें अस्पताल के एक कमरे में बंद रखा गया।

इसके अलावा मनीष ने कहा, “मैं यहां अपनी मां का इलाज कराने नहीं, बल्कि एक मासूम बच्ची की जान बचाने आया था। लेकिन इस अस्पताल प्रशासन ने मुझे ही निशाना बनाया।” उन्होंने अस्पताल की स्थिति को बेहद शर्मनाक बताया और सरकार पर भी कड़ी नाराजगी जताई।

मनीष ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में न तो उनकी पार्टी और न ही सरकार उनके साथ खड़ी रही। उन्होंने सवाल किया, “अगर सरकार अपने आदमी के साथ नहीं है तो क्या जनता के साथ खड़े होने की उम्मीद की जा सकती है?”

वहीं मनीष ने मजदूरों के हक की भी बात कही और कहा कि अस्पताल में काम करने वाले लोगों को कम से कम 25,000 रुपये मासिक मजदूरी और छुट्टियां मिलनी चाहिए।

उन्होंने साफ कर दिया कि अब वे किसी राजनीतिक पार्टी या सरकार पर भरोसा नहीं करेंगे और इस लड़ाई को अकेले ही जनता के साथ मिलकर लड़ेंगे। मनीष ने अस्पताल के हालात सुधारने के लिए कड़ा संघर्ष करने का संकल्प लिया।