
पटना।बिहार में आर्केस्ट्रा के नाम पर चल रहे देह व्यापार और बाल तस्करी पर अब पुलिस मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाया है। पुलिस मुख्यालय ने सभी आर्केस्ट्रा संचालकों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी कार्यक्रम से पूर्व यह शपथ पत्र दें कि उनकी टीम में कोई नाबालिग शामिल नहीं है।
नाबालिग पाये जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
अगर जांच में किसी आर्केस्ट्रा टीम में नाबालिग पाई जाती है, तो संबंधित संचालक के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट, बाल श्रम निषेध कानून, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम और जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। साथ ही, उनके आर्केस्ट्रा का लाइसेंस तत्काल रद्द कर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। ऐसे संचालकों को भविष्य में दोबारा लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
छह जिलों में अधिक मामले, 153 नाबालिग लड़कियों की रेस्क्यू
गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (कमजोर वर्ग) अमित कुमार जैन ने जानकारी दी कि सारण, सीवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, रोहतास और पूर्वी चंपारण सहित छह जिलों में आर्केस्ट्रा की आड़ में देह व्यापार के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। यहां की गई छापेमारी में 153 नाबालिग लड़कियों को शोषण से मुक्त कराया गया, जबकि 47 आर्केस्ट्रा संचालक गिरफ्तार हुए।
इन लड़कियों को नेपाल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से तस्करी कर बिहार लाया गया था।
2025 में अब तक 118 नाबालिग लड़कियां और 506 लड़कों को बचाया गया
एडीजी ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक मानव तस्करी और बाल श्रम के खिलाफ राज्य भर में 231 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन अभियानों में 118 नाबालिग लड़कियां और 506 लड़कों को शोषण से मुक्त कराया गया है। इस दौरान 144 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 127 पुरुष और 17 महिलाएं शामिल हैं।
रेलवे मार्ग से हो रही है तस्करी
एडीजी (रेलवे) बच्चू सिंह मीणा ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट राज्यों और नेपाल से मानव तस्करी की घटनाएं बढ़ी हैं। तस्कर बिहार समेत अन्य राज्यों में लोगों को पहुंचाने के लिए रेलवे मार्ग का सबसे अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।