पटना | 9 मई 2025:भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच बिहार में भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार शाम आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां रद्द करने का निर्णय लिया।
सीएम ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, डीजीपी विनय कुमार, प्रधान सचिव दीपक कुमार सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सीएम ने हर संदिग्ध व्यक्ति और वस्तु पर कड़ी निगरानी, विशेषकर सीमावर्ती जिलों में सतर्कता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि वे 10 मई को पूर्णिया में सीमावर्ती जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।
छुट्टियां रद्द, सभी विभाग अलर्ट पर
मुख्य सचिव और डीजीपी ने जानकारी दी कि प्रशासनिक, पुलिस और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था से जुड़े विभागों को भी पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग और पुलिस मुख्यालय ने 8 मई से अगले आदेश तक छुट्टियां रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
सीमा पर विशेष चौकसी, नेपाल और बांग्लादेश से लगी सीमाएं फोकस में
भारत-पाक तनाव के मद्देनज़र बिहार की नेपाल और बांग्लादेश से सटी लगभग 729 किमी लंबी सीमा पर चौकसी और निगरानी बढ़ा दी गई है। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है।
इन इलाकों में पहले भी ISI की गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं। नेपाल की खुली सीमा को देखते हुए स्थानीय पुलिस और एसएसबी को सख्त चेकिंग और वाहन जांच के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी विनय कुमार खुद प्रतिदिन इन जिलों के आईजी, डीआईजी और एसपी से रिपोर्ट ले रहे हैं।
बिहार पूरी तरह सतर्क, सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी संभावित खतरे को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। मुख्यमंत्री स्वयं हालात की समीक्षा कर रहे हैं और प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन जैसे सभी विभागों को चौकस कर दिया गया है।