पटना, 27 मई 2025:बिहार में रेल संपर्क को मजबूत करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने रेलवे बोर्ड को छह महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा है। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव में बुद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर से लेकर दक्षिण और उत्तर बिहार में उपनगरीय नेटवर्क, नए रेल पुल और अतिरिक्त रेलवे लाइनों जैसी अहम मांगें शामिल हैं।
मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार की आबादी और जनसंख्या घनत्व को देखते हुए रेलवे नेटवर्क का विस्तार समय की मांग है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में राज्य का जनसंख्या घनत्व राष्ट्रीय औसत से लगभग तीन गुना अधिक रहा, लेकिन रेलवे ट्रैक की उपलब्धता अब भी औसत से नीचे है।
प्रस्तावित परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
1. बुद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर:
पटना-गया-तिलैया-राजगीर-फतुहा रूट पर सर्कुलर ट्रेन सेवा शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे बोधगया और राजगीर आने-जाने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी और पांच जिलों को लाभ होगा।
2. दक्षिण बिहार उपनगरीय नेटवर्क:
बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भागलपुर सहित नौ जिलों को पटना से जोड़ने के लिए लोकल ट्रेन नेटवर्क के तहत तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने की मांग की गई है।
3. उत्तर बिहार उपनगरीय नेटवर्क:
सीवान, छपरा, हाजीपुर, समस्तीपुर, दरभंगा जैसे जिलों को राजधानी से जोड़ने के लिए उपनगरीय नेटवर्क विकसित करने और अतिरिक्त लाइनों के निर्माण का सुझाव दिया गया है।
4. फतुहा-बिदुपुर रेल पुल:
पटना क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए फतुहा-बिदुपुर के बीच गंगा नदी पर नया रेल पुल बनाने की मांग की गई है। इससे सैटेलाइट टाउन और मल्टी-मॉडल हब विकसित करने में मदद मिलेगी।
5. उच्च घनत्व रेल मार्ग पर अतिरिक्त लाइनें:
डीडीयू-बक्सर-आरा-पटना-किउल खंड में भारी यात्री दबाव के चलते तीसरी और चौथी लाइन के शीघ्र निर्माण की आवश्यकता बताई गई है।
6. आरा-छपरा के बीच नया रेल पुल:
उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क को बेहतर करने के लिए गंगा नदी पर एक और रेल पुल बनाने का सुझाव दिया गया है। इससे शाहाबाद और सारण के बीच आवाजाही आसान होगी।
मुख्य सचिव ने कहा है कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बिहार सरकार हरसंभव सहयोग देगी, जिसमें भूमि अधिग्रहण, सड़कों का विकास और सार्वजनिक सुविधाओं का पुनर्वास भी शामिल है।
इन परियोजनाओं से क्या होगा फायदा?
राज्य सरकार के अनुसार, इन प्रस्तावित योजनाओं से बिहार में यात्री सुविधाओं का विस्तार होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और राज्य के आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।