
पटना: बिहार में बीपीएससी शिक्षकों की नियुक्ति के बाद राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था में सख्ती और पारदर्शिता लाने की दिशा में तेज़ी से कदम उठा रही है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने शनिवार को ‘हर शनिवार शिक्षा की बात’ पॉडकास्ट में कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अब सरकारी शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने पर नौकरी भी जा सकती है।
1. ट्यूशन पर सख्त प्रतिबंध
- सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे।
- ट्यूशन की शिकायत मिलने पर कार्रवाई के साथ सेवा समाप्ति तक हो सकती है।
- छात्रों को भी स्कूल समय के दौरान ट्यूशन पर जाना वर्जित रहेगा। हालांकि, स्कूल समय के बाद वे प्राइवेट टीचर से पढ़ सकते हैं।
2. बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य
- गर्मी की छुट्टी के बाद राज्य के सभी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जाएगा।
- इसका मकसद शिक्षकों की गैरहाजिरी पर रोक और छात्रों की उपस्थिति को मजबूत करना है।
3. प्री-स्कूल कक्षाएं शुरू होंगी
- सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्री-स्कूल क्लास की शुरुआत होगी।
- आंगनबाड़ी केंद्रों के 40 बच्चों को वहीं शिक्षा दी जाएगी, शेष को स्कूल में दाखिला मिलेगा।
4. समय पर किताबें मिलेंगी
- अगले शैक्षणिक सत्र से पहले ही सभी छात्रों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें मिल जाएंगी।
- छपाई प्रक्रिया में बदलाव कर किताबें एक महीने पहले स्कूलों तक पहुंचाई जाएंगी।
5. लाइब्रेरियन की बहाली और पुस्तकालयों का सशक्तिकरण
- सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों को सक्रिय करने के लिए लाइब्रेरियन की बहाली की योजना है।
- जिलों से रिक्तियों का विवरण मांगा गया है।
6. समर कैंप से बच्चों का विकास
- गर्मियों की छुट्टियों में नृत्य, खेल और कला आधारित समर कैंप आयोजित किए जाएंगे।
- इसका उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और शारीरिक विकास को बढ़ावा देना है।
डॉ. एस सिद्धार्थ के अनुसार ये पहलें शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं।