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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीटों की गांठ गुरुवार को भी नहीं सुलझ पाई। समन्वय समिति के संयोजक तेजस्वी यादव से कांग्रेस नेताओं की लंबी बातचीत हुई, लेकिन सीटों की अदला-बदली पर मतैक्य नहीं बन सका।

सूत्रों के मुताबिक, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को अधिक सीटें देने पर वाम दलों ने आपत्ति जताई है। भाकपा (माले) और अन्य वामदलों का तर्क है कि सीट बंटवारा पहले से तय फार्मूले के अनुसार होना चाहिए, न कि किसी दल को अतिरिक्त सीट देकर। इससे महागठबंधन के भीतर समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं।


तेजस्वी-कांग्रेस के बीच देर रात तक चली बैठक

गुरुवार शाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) में तय सीटों और संभावित प्रत्याशियों की सूची तेजस्वी को सौंप दी।
हालांकि, इन सीटों में कुछ पर राजद की आपत्ति है। कांग्रेस अपने कमजोर इलाकों की कुछ सीटें छोड़ने को तैयार है, लेकिन बदले में वह जिन सीटों की मांग कर रही है, वे राजद और वाम दलों के हिस्से की हैं — जिनमें बिस्फी, बिहारशरीफ, निर्मली और कुछ अन्य सीटें शामिल हैं।


कहलगांव सीट बनी विवाद का केंद्र

कहलगांव सीट पर कांग्रेस और राजद के बीच टकराव गहराता जा रहा है। राजद इस सीट को अपने खाते में लेना चाहती है, जबकि कांग्रेस इसे छोड़ने के मूड में नहीं है। पार्टी का कहना है कि यह सीट पारंपरिक रूप से उसकी मजबूत रही है और वह यहां से समझौता नहीं करेगी।


कांग्रेस 56 सीटों की मांग पर अड़ी

कांग्रेस की ओर से बिहार में लगभग 56 सीटों की मांग की गई है। वहीं, राजद और वाम दल इसे ज्यादा मान रहे हैं। कांग्रेस चाहती है कि पहले चरण के नामांकन से पहले सीटों पर फैसला हो जाए ताकि उम्मीदवारों की घोषणा की जा सके।
सूत्रों के अनुसार, अगर सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई तो कांग्रेस 13 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है।


गहलोत-बघेल पहुंचे पटना, पेच सुलझाने की कोशिश

सीट बंटवारे को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पर्यवेक्षक — पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी — गुरुवार रात पटना पहुंचे। बताया जा रहा है कि ये नेता शुक्रवार को राजद और वाम दलों के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे ताकि साझा फार्मूला तैयार किया जा सके।


वीआईपी प्रमुख भी पहुंचे बैठक में

महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी भी देर रात तेजस्वी और कांग्रेस की बैठक में मौजूद रहे। माना जा रहा है कि सहनी की पार्टी को अपेक्षा से अधिक सीटें मिलने की संभावना पर वाम दलों ने आपत्ति दर्ज कराई है।


बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में सीटों को लेकर देरी महागठबंधन के लिए चुनौती बन सकती है। कांग्रेस को आशंका है कि अगर जल्द फैसला नहीं हुआ तो उसके कई संभावित उम्मीदवार NDA या निर्दलीय रास्ता चुन सकते हैं।


महागठबंधन में सीट बंटवारे का पेच अब तक नहीं सुलझा है। कांग्रेस जहां अपनी परंपरागत सीटें और सम्मानजनक संख्या चाहती है, वहीं राजद फार्मूला से समझौता करने के पक्ष में नहीं दिख रही। वाम दलों और वीआईपी की मांगों ने समीकरण और जटिल बना दिए हैं। अब सबकी निगाहें शुक्रवार की बैठकों पर टिकी हैं, जहां तय हो सकता है कि बिहार में विपक्ष का गठबंधन एकजुट होकर उतरेगा या भीतर ही भीतर दरार गहराएगी।

 

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