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पटना, 5 मई 2025: आगामी मानसून सत्र में संभावित बाढ़ खतरे से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। सोमवार को पटना स्थित सिंचाई भवन में जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में 65वीं बिहार राज्य बाढ़ नियंत्रण पर्षद् की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

राज्यभर में तटबंध होंगे सुदृढ़

बैठक में मंत्री श्री चौधरी ने निर्देश दिया कि कोसी और गंडक समेत राज्य की सभी प्रमुख नदियों के दोनों तटबंधों को आवश्यकतानुसार सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संवेदनशील क्षेत्रों में मरम्मत कार्यों को शीघ्र और प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए ताकि बाढ़ के समय जनजीवन प्रभावित न हो।

388 योजनाओं पर 1185.58 करोड़ की लागत

बैठक में 2025 की बाढ़ से पूर्व कराई जाने वाली 388 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं की समीक्षा की गई, जिनकी कुल लागत ₹1185.58 करोड़ निर्धारित की गई है। इसके अलावा, ₹30 करोड़ से अधिक की योजनाओं पर विशेष चर्चा की गई।

गाद हटाने और सतत निगरानी पर जोर

जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि नदियों से गाद हटाने की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी ताकि जल प्रवाह में कोई बाधा न हो और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा कम किया जा सके। सभी जिलों में स्थिति की सतत निगरानी की जा रही है और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

वरिष्ठ अधिकारियों और विभागों की भागीदारी

बैठक में जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अपर सचिव श्री नवीन, बाढ़ नियंत्रण अभियंता प्रमुख श्री शरद कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग, राजस्व, वित्त, योजना, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग, और भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


बिहार सरकार का यह कदम राज्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करने और लोगों के जीवन व संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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