भागलपुर के सबौर थाना क्षेत्र में बालू लदे ट्रक को अवैध रूप से जब्त करने और पैसे की मांग करने के मामले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। मामले में पहले ही तत्कालीन थानाध्यक्ष विवेक जायसवाल को लाइन हाजिर किया जा चुका था, जो वर्तमान में सुल्तानगंज थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत थे। अब इस मामले में सबौर की महिला दारोगा रीता कुमारी, दारोगा रामानुज कुमार और मुंशी मनोज कुमार को एसएसपी हृदय कांत ने निलंबित कर दिया है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच
ट्रक की मालकिन द्वारा मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद जांच कर रिपोर्ट मांगी गई। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद एसएसपी ने यह कार्रवाई की।
दूसरे थाना क्षेत्र में जाकर ट्रक की जब्ती
घटना पिछले वर्ष दिसंबर की है, जब सबौर पुलिस ने एक बालू लदे ट्रक का करीब 13 किलोमीटर पीछा कर उसे लोदीपुर टोल प्लाजा के पास पकड़ा, जो कि दूसरे थाना क्षेत्र में आता है। आरोप है कि बिना संबंधित थाना को सूचना दिए ट्रक को जब्त कर सबौर थाना लाया गया। GPS और टोल प्लाजा के CCTV फुटेज से इसका खुलासा हुआ।
ट्रक में जानबूझकर डाला गया बालू?
ट्रक मालिक ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रक को ओवरलोडेड साबित करने के लिए रास्ते में उसमें अतिरिक्त बालू डाला गया।
ट्रक मालकिन के भाई की गिरफ्तारी पर भी सवाल
उसी दिन ट्रक मालकिन के भाई छोटू को एक पुराने साधारण मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि वह मामला बेल योग्य था। कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि युवक को थाना से बेल क्यों नहीं दी गई।
एसएसपी का बयान
एसएसपी हृदय कांत ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच कराई गई थी और आरोप सही पाए जाने के बाद संबंधित अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में किसी भी तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।