भागलपुर, 6 मई:जोगसर थाना पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। महिला से पर्स छिनतई मामले में गिरफ्तार फरदीन उद्दीन को रिमांड पर लेने पहुंचे पुलिस अधिकारियों को कोर्ट से फटकार का सामना करना पड़ा।
नोटिस जारी करना था जरूरी, नहीं की प्रक्रिया पूरी
सोमवार को जब पुलिस आरोपी को लेकर सीजेएम इंचार्ज कोर्ट में पेश हुई, तो न्यायालय ने पाया कि बीएनएसएस की धारा 35 के तहत अनिवार्य नोटिस जारी नहीं किया गया था। नए आपराधिक कानून के मुताबिक, सात साल से कम की सजा वाले मामलों में रिमांड से पहले आरोपी को नोटिस देना जरूरी होता है।
कोर्ट ने प्रक्रिया अधूरी पाए जाने पर रिमांड की अर्जी लौटा दी और पुलिस को तगड़ी फटकार लगाई।
बरामदगी में भी गड़बड़ी
मामले में यह भी सामने आया है कि पर्स छिनतई में प्रयुक्त स्कूटी, जिसे पुलिस ने जब्त दिखाया था, घटना स्थल से आरोपी के पास से नहीं मिली थी। बल्कि आरोपी के पिता ने बाद में स्वेच्छा से स्कूटी थाना में जमा कराई थी।
यह जानकारी पुलिस के दावों और साक्ष्यों में गंभीर विरोधाभास की ओर इशारा करती है।